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यूरोप में तबाही मचाएंगे NATO के ये दो फैसले? पुतिन ने तैयार की है युद्ध थ्योरी

 

यूरोप में एक बार फिर युद्ध के बादल गहराने लगे हैं। रूस और नाटो के बीच तनातनी चरम पर पहुंच चुकी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आक्रोश में हैं, क्योंकि नाटो अब सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि आक्रामक मुद्रा में नजर आ रहा है। नाटो द्वारा यूक्रेन को लॉन्ग रेंज हथियार देने और रूस की सीमा के पास परमाणु हथियार तैनात करने की रणनीति से क्रेमलिन में खलबली मच गई है।

इस स्थिति के जवाब में रूस ने 4 फ्रंट पर व्यापक सैन्य तैनाती कर दी है। रूस जल, थल और नभ – तीनों मोर्चों पर युद्ध की तैयारियों में जुट गया है और नाटो को सीधा चुनौती दे रहा है। पुतिन की रणनीति यह संदेश देने की है कि रूस हर स्थिति के लिए तैयार है — और यह तैयारी सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि पलटवार की है।

रूस की चार दिशाओं में घेराबंदी

रूस ने उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – चारों दिशाओं में शक्तिशाली नेवल बेस पर अपनी बेहतरीन फ्लीट तैनात कर दी है:

  • उत्तर में: सेवरोमोस्क बेस पर Northern Fleet तैनात है।

  • दक्षिण में: सेवस्तोपोल में Black Sea Fleet सक्रिय है।

  • पूर्व में: व्लादिवोस्तोक में Pacific Fleet पूरी तरह तैयार है।

  • पश्चिम में: बाल्टिस्क में Baltic Fleet तैनात है, जो NATO की सीमा के पास स्थित कैलिनिनग्राद को कवर करता है।

इस तैनाती के पीछे रूस की स्पष्ट रणनीति है कि नाटो की किसी भी हरकत का जवाब चारों दिशाओं से दिया जा सके।

समुद्री ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन

रूस ने इस बार समंदर से नाटो को चुनौती देने का फैसला किया है। इसके लिए रूस ने एक साथ 150 वॉरशिप, 120 एयरक्राफ्ट और 15,000 सैनिकों को तैनात किया है। ये सभी चार समुद्री क्षेत्रों — पैसिफिक, आर्कटिक, बाल्टिक और कैस्पियन — में तैनात हैं। इस ड्रिल में 10 कोस्टल मिसाइल सिस्टम और 150 यूनिट मिलिट्री इक्विपमेंट भी शामिल हैं।

रूस की यह "त्रि-आयामी" युद्ध रणनीति (जल-थल-नभ) नाटो के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि वह किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।

न्यूक्लियर युद्ध की तैयारी?

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि रूस की यह तैयारी सिर्फ पारंपरिक हथियारों की नहीं, बल्कि परमाणु युद्ध की भी है। रूस ने 300 ICBM (Intercontinental Ballistic Missiles) को हाई अलर्ट पर रखा है और 12 SLBM (Submarine-Launched Ballistic Missiles) से लैस न्यूक्लियर सबमरीन वॉर रेडी कर दी हैं। इसके अलावा पुतिन ने हाल ही में "बोरई क्लास" न्यूक्लियर सबमरीन का निरीक्षण किया है और संकेत दिया है कि आने वाले समय में रूस की समुद्री ताकत और भी आक्रामक होने वाली है।