×

क्या शुरू हुआ दरिन्दे हाफ़िज़ सईद का काउंटडाउन? सावन के अंतिम सोमवार से पाकिस्तानी सरज़मीन में हड़कंप, पढ़े पूरी रिपोर्ट 

 

भारत में दर्जनों लोगों का खून-खराबा करने वाला वही आतंकी हाफिज सईद अब पाकिस्तान में खतरे में है। ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन शिवशक्ति की कामयाबी के बाद पाकिस्तानियों को डर है कि हाफिज सईद 100 घंटे के अंदर खत्म हो जाएगा क्योंकि 4 दिन बाद सावन का आखिरी सोमवार है। इसलिए जिन्नालैंड में इस बात की खूब चर्चा है कि सावन के आखिरी सोमवार से पहले हाफिज सईद पर हमला कर दिया जाएगा ताकि सनातनियों के नाम पर चलाए जा रहे सैन्य अभियान पूरे किए जा सकें।

किस ऑपरेशन ने आतंकियों को कुचला?

जी हाँ, पहले ऑपरेशन सिंदूर, फिर ऑपरेशन महादेव और अब ऑपरेशन शिवशक्ति। इन तीनों ऑपरेशनों के दौरान जिस तरह आतंक के ठिकानों और आतंकियों की लाशों के फन कुचले गए, उससे तय है कि हाफिज सईद को कभी भी निशाना बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के हुक्मरानों को इसके संकेत दे दिए हैं।

क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इतने आत्मविश्वास से यह बात क्यों कह रहे हैं, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने ऐसा कर दिखाया है? उन्होंने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। पहलगाम पर हमला करने वाले आतंकियों को उनकी खोहों से बाहर निकालकर मार गिराया है। इसलिए, हाफिज सईद चाहे कितनी भी गहरी खाई में छिप जाए, वह बचने वाला नहीं है। वह बहुत जल्द मरने वाला है। पाकिस्तानी इसी डर से डरे हुए हैं।

हाफिज सईद कब मारा जाएगा?

पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञों से लेकर पत्रकारों तक, हर कोई इस डर में जी रहा है कि भारत की मिसाइलें कभी भी पाकिस्तानी शहरों पर कहर बरपा सकती हैं। पहलगाम में धर्म पूछकर लोगों की हत्या करने वालों का सफाया हो गया है। लेकिन इन कायरों को आतंकवाद सिखाने वाला हाफिज सईद जब तक ज़िंदा है, तब तक 26 लोगों की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। दरअसल, हाफिज ने ही उन्हें हमले के लिए बरगलाया था। हाफिज ने ही उन्हें ट्रेनिंग दी थी और हथियार मुहैया कराए थे। इसके बाद हाफिज ने ही आतंकियों को सीमा पार भेजा।

मुनीर भी हाफिज के आगे नतमस्तक
पाकिस्तानी सरकार का दावा है कि हाफिज नज़रबंद है। लेकिन ज़रा सोचिए। हाफ़िज़, जिसके आगे फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी झुक जाते हैं। क्या पाकिस्तान उसे नज़रबंद कर सकता है? बिल्कुल नहीं। सिर्फ़ भारत ही उसका इलाज कर सकता है।

दुनिया भले ही यकीन न करे। लेकिन वो ये ज़रूर जानती है कि शहबाज़ भले ही गद्दी पर बैठे हों, लेकिन उसकी चाबी हाफ़िज़ जैसे लोगों के हाथ में है। इसलिए हाफ़िज़ जैसे लोगों की कतार काटना ज़रूरी हो जाता है। तभी जिन्ना का देश कतार में आएगा। जानते हैं, अब तो पाकिस्तानी भी कह रहे हैं कि जब तक हाफ़िज़ पाकिस्तान में है, पाकिस्तान की जनता पर ख़तरा मंडराता रहेगा।

पाकिस्तान के सुर अचानक कैसे बदल गए?

सबसे दिलचस्प बात ये है कि लगातार चल रहे सनातनी ऑपरेशनों की वजह से पाकिस्तानियों के सुर भी बदल गए हैं। मतलब पाकिस्तानी जनता समझ गई है कि अगर भारत ने फिर हमला किया, तो सबसे पहले भागेगा मुनीर, जो झूठी जीत का बखान कर रहा है। इसीलिए बातचीत की बात हो रही है। कुल मिलाकर पाकिस्तानियों का मानना है कि जब तक मास्टरमाइंड मारा नहीं जाता, भारत चैन से नहीं बैठेगा और पाकिस्तानियों को अच्छी तरह पता है कि मास्टरमाइंड कौन है। इसलिए डर यही है कि अगर सावन के आखिरी सोमवार से पहले भारत ने पाकिस्तान में कोई ऑपरेशन चलाया, तो उसमें हाफिज सईद का मारा जाना तय है।