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अमेरिकी थिंक टैंक की चेतावनी, वीडियो में जानें 2026 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध का खतरा, कश्मीर बना टकराव का

 

अमेरिका के प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) ने भारत और पाकिस्तान को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। थिंक टैंक की ताजा रिपोर्ट ‘कॉन्फ्लिक्ट्स टू वॉच इन 2026’ में आशंका जताई गई है कि वर्ष 2026 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति बन सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियां दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव को और भड़का सकती हैं।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर लंबे समय से भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का मुख्य कारण रहा है और यदि इस क्षेत्र में आतंकी हमले तेज होते हैं, तो दोनों देशों के बीच सीधा सैन्य संघर्ष भी संभव है। CFR का मानना है कि इस तरह का कोई भी टकराव सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर अमेरिका के रणनीतिक और सुरक्षा हितों पर भी पड़ सकता है।

हालांकि रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है, लेकिन खुफिया एजेंसियों के इनपुट चिंताजनक हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस सर्दी के मौसम में जम्मू क्षेत्र में 30 से अधिक पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ये आतंकी सीमा पार से घुसपैठ कर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हो सकते हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के बाद भले ही सीमा पर तनाव कुछ हद तक कम हुआ हो, लेकिन दोनों देशों ने अपनी सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं। खासतौर पर हथियारों की खरीद और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। इसे आने वाले समय में संभावित संघर्ष की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।

भारत की बात करें तो हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने करीब 79 हजार करोड़ रुपए के बड़े रक्षा सौदों को मंजूरी दी है। इन सौदों में आधुनिक ड्रोन, एयर-टू-एयर मिसाइलें और गाइडेड बम शामिल हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये हथियार भारतीय वायुसेना और थलसेना की मारक क्षमता को काफी बढ़ाएंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की स्थिति मजबूत करेंगे।

वहीं पाकिस्तान भी अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी और नए हथियारों की खरीद पर लगातार जोर दे रहा है। CFR की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों द्वारा समानांतर रूप से सैन्य शक्ति बढ़ाने से क्षेत्र में हथियारों की दौड़ तेज हो सकती है, जिससे गलतफहमी या किसी छोटी घटना के बड़े संघर्ष में बदलने का खतरा बना रहेगा।

अमेरिकी थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक संवाद और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रिपोर्ट में चेताया गया है कि यदि समय रहते हालात नहीं संभाले गए, तो 2026 में दक्षिण एशिया एक बड़े सैन्य संकट का गवाह बन सकता है।