अमेरिका का ड्रग्स तस्करी पर कड़ा कदम: 3 नावों पर मिसाइल हमले में 8 नार्को-आतंकियों की मौत
ड्रग्स की तस्करी अमेरिका के लिए एक गंभीर चिंता बन गई है। कई युवा अमेरिकी ड्रग्स की तस्करी का शिकार हो रहे हैं, यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन सभी देशों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जहां से अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी होती है। अमेरिकी सेना अक्सर ड्रग्स से भरी नावों को निशाना बनाती है, और हाल ही में ऐसी ही एक और घटना हुई है।
अमेरिका ने ड्रग्स से भरी 3 नावों पर मिसाइलें दागीं
सोमवार को, अमेरिकी दक्षिणी कमान ने पूर्वी प्रशांत महासागर के अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ड्रग्स से भरी तीन नावों पर मिसाइलें दागीं। यह सैन्य कार्रवाई अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के आदेश पर, ट्रंप की योजना के तहत की गई। मिसाइल हमले में तीनों नावें पूरी तरह से नष्ट हो गईं।
मिसाइल हमले का वीडियो सामने आया
अमेरिकी सेना के मिसाइल हमले का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पूर्वी प्रशांत महासागर के अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ड्रग्स की तस्करी करने वाली एक नाव पर मिसाइल हमला हुआ, जिससे वह पूरी तरह से खत्म हो गई।
8 नार्को-आतंकवादी मारे गए
अमेरिकी सेना के मिसाइल हमले में आठ नार्को-आतंकवादी मारे गए। पहली नाव पर 3 नार्को-आतंकवादी थे, दूसरी पर 2 और तीसरी पर 3, ये सभी अमेरिकी सैन्य अभियान में मारे गए। इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ।
अमेरिका ने अब तक कितने हमले किए हैं?
ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ अपनी कार्रवाई में, अमेरिका ने अब तक कैरेबियन सागर क्षेत्र और पूर्वी प्रशांत महासागर में लगभग 25 मिसाइल हमले किए हैं। इन हमलों में लगभग 94 लोग मारे गए हैं। ट्रंप ने इन लोगों को नार्को-आतंकवादी करार दिया है। ड्रग्स के खिलाफ यह अमेरिकी कार्रवाई वेनेजुएला जैसे देशों से जुड़े तस्करी नेटवर्क को निशाना बना रही है। इससे अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव और बढ़ गया है।
ट्रंप प्रशासन का मकसद क्या है? इन अमेरिकी हमलों की दुनिया भर में निंदा हो रही है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने देश में ड्रग्स की तस्करी से लड़ने के लिए अपने कार्यों को जरूरी बताया है। ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य ड्रग्स की तस्करी को पूरी तरह से रोकना और उन नार्को-आतंकवादियों को खत्म करना है जो अमेरिकी नागरिकों को ड्रग्स की लत के चंगुल में धकेल रहे हैं।