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टैरिफ-टैरिफ करते रहे ट्रंप, पीएम मोदी ने ओमान के साथ रिश्ते मजबूत कर अमेरिका को दिया करारा झटका 

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लगातार अपना सबसे बड़ा हथियार बताया है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने भारत के खिलाफ किया है। लेकिन अब भारत और ओमान के बीच एक नया समझौता होने वाला है, जिससे भारत के नुकसान की भरपाई होगी। आज, 18 दिसंबर 2025 को भारत और ओमान के बीच एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक मस्कट में मिलेंगे। इस बैठक में व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और कई प्रमुख क्षेत्रों में नए कारोबारी अवसर खुलेंगे।

इस डील से नए अवसर पैदा होंगे

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस डील से कारोबार के लिए नए अवसर आएंगे। उन्होंने बताया कि फुटवियर, टेक्सटाइल, ज्वेलरी, कृषि उत्पाद, वाहन, ऑटो पार्ट्स और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में अवसर बढ़ेंगे। गोयल ने इसे अफ्रीका और सेंट्रल एशिया का गेटवे बताया, जिससे दूसरे देशों के साथ भी व्यापार के रास्ते खुलेंगे।

भारत और ओमान के बीच कितना व्यापार होता है?

फिलहाल, भारत और ओमान के बीच कुल व्यापार लगभग 10.5 बिलियन डॉलर है। इसमें से ओमान को भारत का निर्यात 4 बिलियन डॉलर है, जबकि ओमान से आयात 6 बिलियन डॉलर से ज़्यादा है। भारत मुख्य रूप से ओमान से पेट्रोलियम और यूरिया आयात करता है, जो कुल आयात का 70% से ज़्यादा है। भारत ओमान को मिनरल फ्यूल, रसायन, अनाज, जहाज, नावें, बिजली की मशीनरी, चाय, कॉफी, मसाले, टेक्सटाइल और खाद्य उत्पाद निर्यात करता है। भारत और ओमान के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.94 बिलियन डॉलर था। इससे पहले, 2022-23 में यह 12.38 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। 2023 में, भारत ने ओमान से लगभग ₹4,000 करोड़ का कच्चा तेल खरीदा था।

अमेरिका के बाद ओमान भारत के साथ समझौता करेगा

ओमान, गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात डेस्टिनेशन है। ओमान ने पहले 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसी तरह का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन किया था। लगभग 20 साल बाद भारत के साथ यह समझौता ओमान के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता भारत की व्यापार रणनीति को गति देगा और दोनों देशों के व्यवसायों को फायदा पहुंचाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि इससे न सिर्फ़ दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा, बल्कि भारत की क्षेत्रीय मौजूदगी भी मज़बूत होगी।

भारत-ओमान लॉजिस्टिक्स एक्सेस एग्रीमेंट: ओमान एकमात्र खाड़ी देश है जिसके साथ भारत का लॉजिस्टिक्स एक्सेस एग्रीमेंट है। दोनों देशों के बीच यह समझौता 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की ओमान यात्रा के दौरान साइन किया गया था। इस समझौते के तहत, भारतीय नौसेना और वायु सेना ओमान के रणनीतिक बंदरगाहों और मिलिट्री बेस का इस्तेमाल कर सकती हैं।