×

जापान के वैज्ञानिकों की इस नयी खोज से दुनिया में खलबली: अगले 4 साल में इंसान फिर उगा सकेगा टूटे हुए दांत, ह्यूमन ट्रायल्स भी शुरू 

 

इंसान के शरीर में 206 हड्डियां होती हैं, जिनमें टूटने पर खुद ठीक होने की क्षमता होती है, लेकिन दांत अलग होते हैं। एक बार जब दांत गिर जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो वे अपने आप वापस नहीं उगते। यही वजह है कि दुनिया भर में लाखों लोग दांतों के गिरने या एडेंटुलिज्म (दांतों की कमी) से परेशान हैं, लेकिन यह तस्वीर जल्द ही बदल सकती है। popularmechanics.com के अनुसार, जापानी वैज्ञानिक इंसानों पर एक दांत दोबारा उगाने वाली दवा का टेस्ट कर रहे हैं जो भविष्य में डेंटल ट्रीटमेंट की दुनिया में क्रांति ला सकती है।

जापान में इंसानों पर ट्रायल शुरू

यह ट्रायल, ओसाका के किटानो हॉस्पिटल में डेंटल रिसर्च के हेड डॉ. कात्सु ताकाहाशी की देखरेख में, सितंबर 2024 में शुरू हुआ। 11 महीने के इस ट्रायल में 30 से 64 साल के 30 पुरुष शामिल हैं जिनके कम से कम एक दांत गायब है। दवा को इसकी सुरक्षा और असर दोनों की जांच के लिए नसों के ज़रिए दिया जा रहा है।

USAG-1: दांत दोबारा न उगने का असली कारण

यह रिसर्च USAG-1 नाम की एक एंटीबॉडी पर आधारित है, जो दांतों के विकास को रोकती है। क्योटो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक खास मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित की है जो USAG-1 और BMP (बोन मॉर्फोजेनेटिक प्रोटीन) के बीच इंटरेक्शन को रोकती है। जानवरों पर किए गए ट्रायल में, दांतों को दोबारा उगते हुए देखा गया।

अगले चरण में बच्चे शामिल होंगे

अगर यह ट्रायल सफल होता है, तो अगले चरण में 2 से 7 साल के बच्चे शामिल होंगे जिनके जन्म से ही चार या उससे ज़्यादा दांत गायब हैं। वैज्ञानिकों का लक्ष्य 2030 तक आम लोगों के लिए दांत दोबारा उगाने का इलाज उपलब्ध कराना है। अगर यह दवा सफल साबित होती है, तो यह डेंटल साइंस में सबसे बड़ी क्रांति होगी। दांतों का गिरना सिर्फ एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है, बल्कि एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, और यह खोज लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल सकती है।