कटोरा रह गया खाली और मौत बन गई अंतिम निवाला, गाजा में इजरायली हमले ने छीन ली 32 जानें
दक्षिणी गाजा में भोजन लेने जा रहे फिलिस्तीनियों को खाने के लिए कुछ नहीं मिला, लेकिन दुर्भाग्य से उनके हिस्से में मौत आई। भोजन केंद्र की ओर जा रहे 32 फिलिस्तीनी नागरिक इजरायली सैनिकों की गोलीबारी में मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग खाद्य सामग्री लेने के लिए अमेरिका और इजरायल समर्थित संगठन गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) के वितरण केंद्रों की ओर जा रहे थे। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों और अस्पताल के अधिकारियों ने इस भयावह घटना की पुष्टि की है।
वितरण केंद्रों पर मौतें
यह हमला उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग तिएना और राफाह इलाकों में स्थित जीएचएफ सहायता केंद्रों पर खाद्य सामग्री लेने पहुँचे थे। जीएचएफ ने मई के अंत में अमेरिका और इजरायल के सहयोग से गाजा में वैकल्पिक सहायता वितरण अभियान शुरू किया था। अमेरिका और इजरायल का आरोप है कि पारंपरिक संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रणाली की सामग्री हमास के हाथों में जा रही है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इन दावों को खारिज किया है।
इज़राइल ने कहा- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चलाई गईं गोलियाँ
इज़राइली सेना का कहना है कि वह भीड़ को नियंत्रित करने और चेतावनी देने के लिए गोलियाँ चलाती है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सैनिकों ने लोगों पर अंधाधुंध गोलियाँ चलाईं। सहायता केंद्र की ओर जा रहे महमूद मोकाइमर ने बताया कि सैनिकों ने पहले चेतावनी के तौर पर गोलियाँ चलाईं और फिर भीड़ पर सीधे गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने की निंदा
खान यूनिस स्थित नासिर अस्पताल ने बताया कि उनके यहाँ 25 शव और दर्जनों घायल नागरिक लाए गए हैं। वहीं, राफा के शाकोश इलाके में स्थित एक अन्य जीएचएफ केंद्र के पास एक महिला समेत सात लोगों की जान चली गई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतकों की कुल संख्या की पुष्टि की है। इस घटना ने गाजा में पहले से चल रहे मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है, जहाँ पहले से ही भोजन, पानी और दवाओं की भारी कमी है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना की निंदा की है और तत्काल जाँच की माँग की है।