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IMF की मेहरबानी से पाकिस्तान का ‘प्रोमोशन’, लेकिन क्या ये आर्थिक सुधार है या बस थोड़ी देर की सांस?

 

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग 'सीसीसी+' से बढ़ाकर 'बी-' कर दी। इसके साथ ही पाकिस्तान का आउटलुक 'स्थिर' रखा गया। एजेंसी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिले बेलआउट पैकेज के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार हुआ है। एसएंडपी ने कहा कि पाकिस्तान को मिली यह आर्थिक मदद न केवल उसे अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने में मदद करेगी, बल्कि अगले 12 महीनों में कर्ज चुकाने में भी मदद करेगी।

कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान
पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से लिए गए 25-27 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान करना है। इसके अलावा, पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में परिपक्व होने वाले विदेशी कर्ज का भी भुगतान करना है। इसके साथ ही लिए गए कर्ज पर 30.35 अरब डॉलर का ब्याज भी चुकाना है। एसएंडपी का कहना है कि पाकिस्तान का 'स्थिर' आउटलुक हमारी उम्मीदों के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि आर्थिक सुधार जारी हैं और सरकार के राजस्व बढ़ाने के प्रयास भी जारी हैं। हालांकि, एजेंसी ने भारत के साथ बढ़ते सीमा विवाद को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इसका पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

पाकिस्तान की मूडीज़ से अपील

इस बीच, खराब क्रेडिट रेटिंग के कारण पाकिस्तान अभी भी वैश्विक पूंजी बाजारों से बाहर है। पिछले हफ्ते, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज़ से पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग में सुधार करने और उसे अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में वापस लाने में मदद करने की अपील की थी।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार

हाल के दिनों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हुआ है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की नई रिपोर्ट "एशियन डेवलपमेंट आउटलुक - जुलाई 2025" के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में पाकिस्तान के आर्थिक प्रदर्शन को उत्साहजनक बताया गया है और व्यापक आर्थिक स्थिरता में सुधार का श्रेय मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट और आवश्यक वस्तुओं की कम कीमतों को दिया गया है।