हिजाब विवाद पर पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी का वीडियो वायरल, फुटेज में देखें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी धमकी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम महिला के चेहरे से हिजाब हटाने की घटना पर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्तान का कुख्यात डॉन शहजाद भट्टी इस मामले को लेकर भड़क गया है। उसने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की चेतावनी दी है। भट्टी ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं तो “बाद में यह मत कहना कि चेतावनी नहीं दी गई थी।” इस बयान के बाद यह मामला राजनीतिक और सुरक्षा दोनों दृष्टि से गंभीर होता नजर आ रहा है।
दरअसल, यह घटना 15 दिसंबर की है, जब बिहार में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवनियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इसी दौरान एक मुस्लिम महिला हिजाब पहनकर मंच के पास पहुंची। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने महिला से सवाल किया कि “यह क्या है?” और इसके बाद उन्होंने अपने हाथ से महिला के चेहरे से हिजाब हटा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद देश के भीतर भी इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
अब इस विवाद में पाकिस्तान के डॉन शहजाद भट्टी की एंट्री ने मामले को और तूल दे दिया है। वीडियो संदेश में भट्टी ने इस घटना को मुस्लिम महिलाओं के सम्मान से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री के व्यवहार की निंदा की। उसने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को किसी महिला की धार्मिक पहचान से जुड़े विषय में इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। भट्टी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।
गौरतलब है कि शहजाद भट्टी हाल ही में भारत के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। भट्टी द्वारा दी गई धमकियों के बाद लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई, जो इस समय तिहाड़ जेल में बंद है, ने भी दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में अनमोल बिश्नोई ने अपनी जान को खतरा बताते हुए बुलेटप्रूफ जैकेट और बुलेटप्रूफ गाड़ी की मांग की थी। इस पृष्ठभूमि में भट्टी की नई धमकी को गंभीरता से लिया जा रहा है।
इस पूरे मामले पर बिहार सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, राजनीतिक हलकों में भी इस घटना को लेकर मतभेद देखने को मिल रहे हैं। विपक्षी दल मुख्यमंत्री के व्यवहार को असंवेदनशील बताते हुए उनकी आलोचना कर रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं का कहना है कि मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।