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पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक हफ्ते में ही दूसरी बार खोली पाकिस्तान की पोल, कह दी इतनी बड़ी बात की हर तरफ हो रही थू-थू

 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि जिहाद पाकिस्तान की धरती से शुरू किया गया है। उन्होंने कहा है कि वह अतीत से भागना नहीं चाहते और यह कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह देश के 'जिहादीकरण' के लिए ज़िम्मेदार रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को बिलावल ने अल जजीरा टीवी से कहा था कि पाकिस्तान को विश्वास बहाली के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे संदिग्ध लोगों को भारत को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते नई दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए। बिलावल भुट्टो जरदारी ने द वायर वेबसाइट के वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हमारा देश उन समूहों (जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा) को न केवल पाकिस्तान के बाहर, बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी आतंकवादी हमले करने की अनुमति नहीं देता, जिनकी आप बात कर रहे हैं।

पहलगाम की घटना को आतंकवादी हमला बताया गया

बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान को आतंकवाद का शिकार बताते हुए कहा कि हमने कुल 92,000 जानें गँवाई हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुद आतंकवाद का शिकार हूँ। उन्होंने पहलगाम हमले को आतंकवादी हमला बताया और कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों का दर्द समझते हैं। वे उस दर्द को समझते हैं जो इस हमले के पीड़ितों के परिवार झेल रहे हैं। साक्षात्कार के दौरान, जब उनसे पूछा गया कि परवेज़ मुशर्रफ़, जो उस समय उनके देश के सेना प्रमुख थे, ने खुद कहा था कि हमने आतंकवादियों का समर्थन किया और उन्हें कश्मीर में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया, तो बिलावल भुट्टो ने जवाब दिया कि उन्हें परवेज़ मुशर्रफ़ के विचारों के बारे में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन इतना कहना ही काफी है कि शीत युद्ध के बाद की उस क्षेत्र की नीतियाँ ऐसी थीं कि लश्कर जैसे संगठनों को आतंकवादी संगठन नहीं माना जाता था। 9/11 के बाद, इससे पहले इस समूह के लोगों को स्वतंत्रता सेनानी कहा जाता था। उस समय पाकिस्तान सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान के अंदर लड़ने के लिए ऐसे संगठनों का समर्थन किया था। लेकिन तब भी मैं और मेरी माँ इसके ख़िलाफ़ थे। आपको बता दें कि बिलावल भुट्टो की माँ बेनजारी भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री थीं। उनकी पाकिस्तान में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे।

अतीत से भागे बिना, ज़िया-उल-हक ने जिहादीकरण किया

साक्षात्कार के दौरान जब करण थापर ने कहा कि आपके पिता आसिफ अली जरदारी भी कहते थे कि आज के आतंकवादी कल के हीरो थे। करण थापर ने यह भी कहा कि आपके पिता ने भी पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के गठन को स्वीकार किया था। इस पर बिलावल भुट्टो नाराज़ हो गए। उन्होंने कहा, "जो अतिय है हु हु हम से नहीं रहे तू रहे तो भाग, लेकिन हमें खुद को अतीत में उलझाकर वास्तविकता को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और तानाशाह जनरल ज़िया-उल-हक के साथ मिलकर एक समाज के रूप में पाकिस्तान का 'जिहादीकरण' करने की योजना बनाई थी। ताकि हम अफ़ग़ानिस्तान के संदर्भ में उनसे लड़ सकें।"

बिलावल ने कहा कि, "अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तानी समूहों या व्यक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में 'जिहाद' छेड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। यह अब अतीत की बात है। ऐसा पहले भी हो चुका है।" बिलावल ने कहा कि अल-क़ायदा हो या कोई अन्य आतंकवादी संगठन, सभी अफ़ग़ान जिहाद से जुड़े थे। अफ़ग़ान जिहाद समाप्त होने के बाद, कुछ समूहों ने 9/11 को अंजाम देने का फ़ैसला किया। इनमें से कुछ समूह कश्मीर में जिहाद छेड़ने गए। उस समय पाकिस्तान में बहुत कम लोग थे जो इन समूहों का विरोध नहीं करते थे। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि जहाँ तक लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफ़िज़ सईद का सवाल है, पाकिस्तान ने उसे अप्रैल 2022 में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए 31 साल जेल की सज़ा सुनाई है। मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में, उन्होंने भारत पर मुकदमे में भाग लेने और बयान दर्ज करने के लिए आवश्यक गवाहों को पेश करने से इनकार करने का आरोप लगाया।