×

अमेरिका-पाक रिश्तों में नई गर्माहट या चीन से विश्वासघात? इशाक डार की सफाई के बाद उठा बड़ा सवाल

 

पाकिस्तान बार-बार चीन को अपना बेहद खास दोस्त बताता रहा है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान को चीन से लगातार हथियार और निवेश मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान ने हाल के महीनों में एक बार फिर अमेरिका के साथ अपनी नज़दीकियाँ बढ़ाई हैं। ऐसे में पाकिस्तान के इस रुख़ पर कई सवाल उठ रहे हैं कि वह कोई दोहरा खेल तो नहीं खेल रहा। चीन और अमेरिका के बीच फंसे पाकिस्तान ने इस पर सफाई दी है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि दोनों देश उसके लिए महत्वपूर्ण हैं।

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि इस्लामाबाद चीन और अमेरिका, दोनों के साथ मज़बूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। डार ने ज़ोर देकर कहा कि अमेरिका के साथ उसकी साझेदारी को चीन के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों में कमी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। न्यूयॉर्क स्थित महावाणिज्य दूतावास में पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित करते हुए डार ने कहा कि चीन और अमेरिका, दोनों उसके सहयोगी हैं।

हम अमेरिकी मध्यस्थता के लिए तैयार हैं
डार ने इस दौरान कहा कि पाकिस्तान का प्रयास भारत विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है। उन्होंने कहा कि इनमें कश्मीर सबसे महत्वपूर्ण है, कश्मीर मुद्दे के समाधान से क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी मध्यस्थता के लिए तैयार है, लेकिन यह भारत की सहमति से ही हो सकता है।

इशाक डार ने कहा कि अगर अमेरिका सक्रिय भूमिका निभाए तो कश्मीर विवाद सुलझ सकता है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान यात्रा की संभावना का स्वागत किया। हालाँकि, इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। पाकिस्तान में आतंकवाद को पनाह मिलने के मुद्दे पर डार ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सफाया पहले ही हो चुका है और अमेरिका ने टीआरएफ के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिया है।

इशाक डार ने इस दौरान यह भी दावा किया कि दुनिया में पाकिस्तान की साख बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अब कूटनीतिक अलगाव के दौर से उबर चुका है, आज इस्लामाबाद के दुनिया में कई अच्छे दोस्त हैं। आज कई देश पाकिस्तान के बुरे वक्त में खुलकर उसके साथ खड़े हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी कामयाबी है।'