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दुनिया के विरोध को अनसुना कर गाजा पर कब्जा करने की तैयारी में नेतन्याहू, जानिए क्या चल रही प्लानिंग ?

 

रविवार को दक्षिणी इज़राइल की गाजा सीमा से आई तस्वीरों में टैंक, हथियारबंद वाहन और सैनिकों की भारी तैनाती साफ़ देखी जा सकती है। सुरक्षा कैबिनेट के फ़ैसले के बाद, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इज़राइली सेना अब सिर्फ़ हमलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि गाजा शहर पर सीधा नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पिछले 22 महीनों में गाजा को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। वहाँ लगातार हो रही बमबारी और ज़मीनी हमलों ने पूरे गाजा को मलबे में तब्दील कर दिया है। आँकड़ों के अनुसार, अब तक 60 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं, लाखों घायल हैं। एक बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर पहुँच गई है। इज़राइल के इस कदम के ख़िलाफ़ अरब देशों के साथ-साथ यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। तुर्की के इस्तांबुल में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए।

इस्तांबुल में नारे लगे - 'गाजा, तुम अकेले नहीं हो'

लोगों ने फ़िलिस्तीनी झंडे लहराए और गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों के समर्थन में नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने इज़राइल पर गाजा से मुसलमानों का सफ़ाया करने का आरोप लगाया। स्पेन के बार्सिलोना में भी लोगों ने मार्च निकाला और 'गाज़ा, तुम अकेले नहीं हो' के नारे लगाए। यहाँ की सरकार पहले से ही फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में आवाज़ उठाती रही है और इस योजना का कड़ा विरोध कर रही है।

इज़राइली सेना पर गाज़ा में नरसंहार का आरोप

इसी तरह, अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में भी हज़ारों लोग इज़राइल के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इज़राइली सेना गाज़ा में नरसंहार कर रही है और उन्होंने दुनिया से इसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की अपील की है। चिली में भी सैकड़ों लोगों ने खाली बर्तन बजाकर गाज़ा में फैले अकाल की ओर दुनिया का ध्यान खींचा। दूसरी ओर, इज़राइल में भी यह फ़ैसला विवादों में है।

इज़राइल में हमास ने 1200 लोगों की हत्या की थी

तेल अवीव में हमास की गिरफ़्त से बंधकों की रिहाई की माँग को लेकर साप्ताहिक प्रदर्शन किया गया। बंधकों के रिश्तेदारों और दोस्तों ने बैनर-पोस्टर लेकर मार्च निकाला और सरकार से हमास के साथ समझौता करने की अपील की। उनका कहना है कि गाज़ा पर कब्ज़ा करने की कोशिश के चलते बाकी बंधकों की जान ख़तरे में है। साल 2023 में गाज़ा पर शासन करने वाले हमास ने इज़राइल पर हमला करके 1200 लोगों को मार डाला था।

अब लोगों की नज़र कूटनीतिक दबाव पर है

इस दौरान 250 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाया गया था। अब तक आधे से ज़्यादा बंधकों को रिहा कर दिया गया है, कई की मौत हो गई है और लगभग 20 बंधक अभी भी हमास की गिरफ़्त में बताए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने राजनीतिक फ़ायदे और जेल जाने से बचने के लिए बंधकों की रिहाई में देरी कर रहे हैं। अब सबकी नज़र कूटनीतिक दबाव पर है।