जापान की $23 अरब की F-35B फाइटर जेट डील से कांप उठा ड्रैगन! इंडो-पैसिफिक में नए सिरे से तय होंगे सैन्य समीकरण
जापान ने अमेरिका से खरीदे गए 23.11 अरब डॉलर (करीब ₹1.93 लाख करोड़) मूल्य के F-35B स्टील्थ लड़ाकू विमानों की पहली खेप तैनात कर दी है। ये लड़ाकू विमान मियाज़ाकी प्रांत के न्युताबारू एयरबेस पर पहुँच गए हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता के बीच यह कदम बेहद रणनीतिक माना जा रहा है। जापान इन विमानों को जेएस इज़ुमो और जेएस कागा नामक हेलीकॉप्टर वाहकों से संचालित करेगा, जिन्हें अब विमान वाहक पोतों में परिवर्तित किया जा रहा है। दोनों युद्धपोतों पर परीक्षण सफल रहे हैं और इज़ुमो पर 2027 से और कागा पर 2028 से F-35B की तैनाती शुरू होगी।
F-35B क्यों खास है?
F-35B एक स्टील्थ (रडार से छिपा हुआ) लड़ाकू विमान है, जिसमें शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमता है। इसका मतलब है कि यह विमान बिना लंबे रनवे के उड़ान भर सकता है और कहीं भी उतर सकता है, चाहे वह विमानवाहक पोत हो या छोटी हवाई पट्टी।
जापान की योजना क्या है?
जापान ने कुल 147 F-35 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बनाई है: 105 F-35A (CTOL) और 42 F-35B (STOVL)। इसके साथ ही, वह अमेरिका के बाद F-35 का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर बन जाएगा। इन विमानों के लिए 23.11 अरब डॉलर का सौदा हुआ है। इन विमानों के ज़रिए जापान चीन के ख़िलाफ़ अपने दक्षिणी द्वीपों की सुरक्षा मज़बूत कर रहा है। मगेशिमा द्वीप पर एक नया रनवे तैयार किया जा रहा है, ताकि वहाँ F-35B का उड़ान अभ्यास किया जा सके। हालाँकि, 2030 तक प्रशिक्षण न्युटाबारू एयरबेस से ही दिया जाएगा। जापान ने नागोया में FACO (फ़ाइनल असेंबली एंड चेक आउट) फ़ैसिलिटी भी बनाई है, जहाँ F-35A की असेंबली और मरम्मत होती है। हालाँकि, F-35B का निर्माण अमेरिका के टेक्सास स्थित लॉकहीड मार्टिन प्लांट में किया जा रहा है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 2025 में आठ और F-35B विमानों की आपूर्ति की जाएगी। कुल 12 विमानों की आपूर्ति का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।
प्रशिक्षु उड़ान में दुर्घटना और विरोध
F-35B की तैनाती के दिन, एक जापानी F-2A लड़ाकू विमान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट को बचा लिया गया, लेकिन दुर्घटना के बाद, सुरक्षा जाँच के लिए F-2A उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्थानीय लोगों ने शोर और पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसके जवाब में, अमेरिकी पायलट सितंबर में डेमो उड़ानें देंगे, ताकि लोगों की चिंताओं का समाधान किया जा सके।