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'अभी एक हफ्ते लगेंगे...क्या ट्रम्प की भारत पर टैरिफ लगाने का एलान सिर्फ चुनावी प्रेशर टैक्टिक्स है? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से नाराज़ हैं और उनकी नाराज़गी की वजह रूस है। भारत लगातार रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहा है, जो ट्रंप को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाने के साथ-साथ रूसी दंड लगाने का भी ऐलान किया है।

भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा कि हम अभी टैरिफ पर बातचीत कर रहे हैं। ब्रिक्स को लेकर भी फैसला लिया जाएगा। ब्रिक्स दरअसल एक अमेरिका विरोधी समूह है और भारत इसका सदस्य है। यह डॉलर पर सीधा हमला है और हम किसी को भी डॉलर पर हमला करने की इजाज़त नहीं देंगे।

ट्रंप ने कहा कि इस तरह यह आंशिक रूप से ब्रिक्स और आंशिक रूप से व्यापार का मामला है। भारत के साथ हमारा व्यापार घाटा बहुत ज़्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन वह हमारे साथ ज़्यादा व्यापार नहीं करते। भारत हमें बहुत कुछ बेचता है, लेकिन हम उनसे नहीं खरीदते क्योंकि टैरिफ बहुत ज़्यादा है। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाता है। लेकिन अब वे इसे कम करना चाहते हैं।

लेकिन देखते हैं क्या होता है। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है। इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि हम कोई समझौता करते हैं या उन पर कोई खास टैरिफ लगाते हैं। आपको इस हफ्ते के अंत तक पता चल जाएगा।

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि भारत के साथ हमारा व्यापार घाटा बहुत बड़ा है और हमें इससे बाहर निकलना होगा। ऐसे में, कई रिपोर्ट्स के हवाले से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भारत पर भारी टैरिफ लगाने वाले हैं। ट्रंप ने अपने बयान में यह भी सीधा संकेत दिया है कि भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ अभी अंतिम नहीं है। भारत पर असल में कितना टैरिफ लगाया जाएगा, यह इस हफ्ते के अंत तक पता चल जाएगा। टैरिफ के साथ-साथ, रूस से तेल खरीदने पर भारत पर जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिससे भारत पर दोहरी मार पड़ेगी।

आपको बता दें कि इस साल रूस से भारत का तेल आयात बढ़ा है। भारत को तेल आपूर्ति करने वाले देशों में रूस शीर्ष आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। ट्रंप ने रूस को युद्धविराम के लिए 50 दिन का समय दिया था। इस यात्रा के दौरान ट्रंप ने कहा था कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों को अतिरिक्त प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।