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इजराइल की 'जंगली' रणनीति! दुनिया हैरान गायब कर दिए गए सैकड़ों गधे... आखिर क्या है इस हमले के पीछे की साजिश?

 

7 अक्टूबर को हमास के खूनी हमले के बाद कई महीनों से कहर बरपा रही इज़रायली सेना अब गाजा से सैकड़ों गधे चुरा रही है। इन गधों को गाजा से इज़रायल तस्करी करके लाया जा रहा है। इज़रायल से इन गधों को फ्रांस भेजा जा रहा है ताकि गाजा में निर्माण कार्यों में इनका दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके। गाजा में गधे परिवहन के लिए जीवन रेखा की तरह हैं। इज़रायली मीडिया कान की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा से गधों की इस लूट में इज़रायली संगठन और यूरोपीय संस्थान भी शामिल हैं। इसमें ख़ास तौर पर फ्रांसीसी और बेल्जियम के संस्थान शामिल हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इज़रायली सैनिकों ने गाजा के उन इलाकों से गधे लूटे हैं जिन पर उन्होंने हमला किया था।

इन गधों को बीमारी और इलाज के नाम पर वहाँ से निकाला गया था। खाड़ी पर नज़र रखने वाली मिडिल ईस्ट मॉनिटर वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सेना ने इन गधों के फ़िलिस्तीनी मालिकों की अनदेखी की। ये फ़िलिस्तीनी ज़रूरी सामान की आपूर्ति के लिए इन गधों पर निर्भर थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, सशस्त्र संघर्ष के दौरान किसी आम नागरिक की संपत्ति ज़ब्त करना युद्ध अपराध है। कान की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गधों को पहले मोशाव हारोट ले जाया जा रहा है, जो तेल अवीव के दक्षिण में स्थित है।

गाज़ा में गधे सोने से भी ज़्यादा कीमती हैं

कान ने बताया कि 18 मई को 58 गधों को इज़राइल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से बेल्जियम ले जाया गया और फिर वहाँ से उन्हें फ्रांस और बेल्जियम के आश्रय गृहों में ले जाया गया। इज़राइल के इस कदम से फ़िलिस्तीनी नाराज़ हैं। फ़िलिस्तीनियों का कहना है कि गाज़ा की सड़कें नष्ट हो गई हैं और गधे अब परिवहन का एकमात्र साधन हैं जिनके ज़रिए यहाँ सामान भेजा जा सकता है। इनके ज़रिए सामान पहुँचाया जाता है, परिवारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया जाता है और घायलों को आसानी से पहुँचाया जा सकता है। जहाँ इज़राइली दावा कर रहे हैं कि वे गधों को इलाज के लिए ले जा रहे हैं, वहीं फ़िलिस्तीनी इसे डकैती बता रहे हैं।

हालात ये हैं कि गाजा में ईंधन की कमी हो गई है, जिसके कारण वहाँ के लोगों के लिए गधे सोने से भी ज़्यादा कीमती हो गए हैं। गाजा में 24 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं। गाजा के लोग गधे का मांस खाकर अपना गुज़ारा कर रहे हैं। कुछ समय पहले तक गाजा में एक गधे की कीमत भारतीय रुपये में लगभग 64 हज़ार रुपये तक पहुँच गई थी। इस बीच, गाजा में हमले जारी हैं। इज़राइल समर्थित अमेरिकी सहायता संगठन ने बुधवार को कहा कि वितरण केंद्र के पास 20 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। इससे पहले, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि इज़राइली हमलों में 11 बच्चों समेत 41 लोगों की मौत हो गई है।

खान यूनिस में भगदड़ में 19 लोगों की मौत

गाजा ह्यूमैनिटेरियन फंड ने कहा कि दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में एक वितरण केंद्र में मची भगदड़ में 19 लोगों की कुचलकर मौत हो गई, जबकि हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। संगठन ने हमास पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के कारण हिंसा हुई। हालाँकि, संगठन ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मई से अब तक लगभग 850 फ़िलिस्तीनी जीएचएफ वितरण केंद्रों या अन्य जगहों पर सहायता के इंतज़ार में मारे गए हैं। उत्तरी गाजा में इज़राइली हमलों में 11 बच्चों समेत 22 लोग मारे गए, जबकि खान यूनिस शहर में 19 लोग मारे गए। इज़राइली सेना ने कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में गाजा में 120 से ज़्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें हमास की सुरंगें और हथियार भंडारण केंद्र भी शामिल हैं।