भारत की 'प्रलय' मिसाइल ने हिलाई पाक की नींव! बौखलाए आतंकिस्तान ने दे डाली 'नस्र' की धमकी, मिला करारा जवाब!
भारत ने 28 और 29 जुलाई को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लगातार दो बार 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण करके एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह मिसाइल सेमी-बैलिस्टिक तकनीक पर आधारित है और इसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है। यह ठोस ईंधन प्रणोदन द्वारा संचालित है, जो इसकी गतिशीलता और सटीकता दोनों को बेहद खास बनाता है।
'प्रलय' मिसाइल की एक खासियत यह है कि यह विभिन्न प्रकार के पारंपरिक आयुध ले जाने में सक्षम है और इसे उच्च गतिशीलता वाले प्रक्षेपण प्लेटफार्मों से दागा जा सकता है। यह विशेषता इसे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली से बचकर हमला करने में सक्षम बनाती है। यह मिसाइल भारत के प्रस्तावित एकीकृत रॉकेट बल (आईआरएफ) का हिस्सा बनने जा रही है, जिससे देश की त्रि-सेना क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
खासियत प्रलय (भारत) हत्फ-IX (पाकिस्तान)
टाइप अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल टैक्टिकल न्यूक्लियर मिसाइल
रेंज 150-500 किमी 60-70 किमी
वॉरहेड क्षमता 500 किलोग्राम (पारंपरिक) 400 किलोग्राम (न्यूक्लियर)
लॉन्च प्लेटफॉर्म हाई मोबिलिटी ट्रक मोबाइल प्लेटफॉर्म
कीमत $4-6 मिलियन $1-2 मिलियन
पाकिस्तान का प्रतिक्रियात्मक तनाव या रणनीतिक प्रतिक्रिया?
पाकिस्तानी मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों ने भारत के इस परीक्षण को दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ का संकेत माना है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना का मानना है कि भारत की यह कार्रवाई 'युद्ध का रास्ता' खोल रही है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के पास इसका जवाब देने के लिए हत्फ़-IX मिसाइल (नस्र) है, जो सामरिक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। नस्र मिसाइल की मारक क्षमता 60 से 70 किलोमीटर है। वहीं, भारत की प्रलय मिसाइल पारंपरिक बमों से प्रक्षेपित की जाती है, जिसकी वारहेड क्षमता 500 किलोग्राम तक होती है। इसकी तुलना में, पाकिस्तान की हत्फ़-IX की परमाणु वारहेड क्षमता 400 किलोग्राम तक होती है।
दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन पर प्रभाव
भारत के इस मिसाइल परीक्षण ने न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरे क्षेत्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण भारत की रक्षा रणनीति में एक बड़ा कदम है जो उसे सीमित युद्धों के परिदृश्य में रणनीतिक बढ़त प्रदान करता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान इस परीक्षण को अस्थिरता का संकेत मान रहा है और इस पर हथियारों की होड़ तेज़ करने का आरोप लगा रहा है, लेकिन भारत का दावा है कि प्रलय मिसाइल को पूरी तरह से रक्षात्मक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।