ड्रैगन की चाल पर पर भारत का करारा जवाब! तैयार कर लिया ₹6,000 करोड़ का मेगाप्लान, यहां विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला ?
चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति बंद कर दी है। इससे उद्योग के लिए संकट पैदा हो गया है। सरकार अब इसे लेकर सतर्क हो गई है। देश को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें विदेशों में रेयर अर्थ संपत्तियां खरीदना भी शामिल है। इसी कवायद के तहत, सरकार इसी हफ्ते खनन कानूनों में कुछ बदलाव करने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में आवश्यक खनिज संपत्तियां खरीदने के लिए सरकार के लिए धन की व्यवस्था करना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया कि सरकार के भीतर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन का विधेयक सोमवार को ही संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार का प्रस्ताव है कि राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट में जमा धन का इस्तेमाल विदेशों में ऐसी संपत्तियां खरीदने में किया जाए। इस ट्रस्ट में अभी 6,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं। यह पैसा खनन पट्टाधारकों से लिया गया है, जिन्हें रॉयल्टी का 2% इस ट्रस्ट में जमा करना होता है।
ट्रस्ट का नाम
प्रस्ताव के अनुसार, इस ट्रस्ट का नाम भी बदला जाएगा। अब इसमें विकास शब्द जोड़ा जाएगा। इससे यह स्पष्ट होगा कि अब यह ट्रस्ट विदेशों में आवश्यक खनिजों की खोज, अधिग्रहण और विकास का कार्य भी करेगा। इसका उद्देश्य आवश्यक खनिजों की आपूर्ति बढ़ाना है। इस कानून में अंतिम संशोधन 2023 में किया गया था। अधिकारी ने बताया कि इस संशोधन से आवश्यक खनिज कच्चे माल की उपलब्धता की समस्या दूर होगी। नए अधिग्रहणों के लिए धन देने के साथ-साथ सरकार कैप्टिव खदानों से खनिज अपशिष्ट की एकमुश्त बिक्री की अनुमति भी देना चाहती है।
अधिकारी ने बताया कि कई कैप्टिव खदानों में बहुत सारा खनिज अपशिष्ट जमा हो गया है, जो निम्न गुणवत्ता या संयंत्रों के लिए अनुपयुक्त होने के कारण उपयोग योग्य नहीं है। राज्य सरकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैप्टिव एंड-यूज़ संयंत्रों में उत्पादित आधे से अधिक खनिज उपयोग योग्य नहीं हैं। वर्तमान नियमों के अनुसार, कैप्टिव खदानें ऐसे अपशिष्ट को नहीं बेच सकतीं।
नियमों में बदलाव
प्रस्तावित बदलावों से राज्यों को अतिरिक्त राशि लेकर पट्टा क्षेत्र में जमा अपशिष्ट की बिक्री की अनुमति देने का अधिकार मिल जाएगा। नियमों को सरल बनाने के कुछ अन्य प्रस्ताव भी हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई नया खनिज मिलता है, तो उसे मौजूदा खनन पट्टे में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए कुछ शुल्क देना होगा। इसी प्रकार, यदि किसी के पास गहरे खनिज संसाधन का पट्टा है, तो वह आसपास के क्षेत्र को भी अपने पट्टे में शामिल करने के लिए आवेदन कर सकता है। यह सुविधा केवल एक बार ही उपलब्ध होगी और पट्टे का क्षेत्रफल 10% से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।