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‘अगर ऐसा हुआ तो और बुरी तरह…’ सीरिया एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप की ISIS को खुली चेतावनी, बोले - 'अंजाम होगा और खतरनाक'

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया में ISIS के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के बाद आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिका ने ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के तहत ISIS के खिलाफ एक बड़ा हमला किया। यह कार्रवाई सीरिया के रेगिस्तान में हुए एक हमले के बाद की गई, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। ट्रंप ने साफ कहा कि अगर अमेरिका पर हमला होता है या उसे धमकी दी जाती है, तो जवाब पहले से भी ज़्यादा सख्त होगा।

अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद कार्रवाई
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ISIS ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों का "बेशर्मी से कत्ल" किया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मारे गए सैनिकों के शवों को सम्मान के साथ अमेरिका लाया गया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पहले ही बदला लेने का वादा किया था और अब आतंकवादियों को "बहुत कड़ी सज़ा" दी जा रही है।

ISIS के ठिकानों पर ज़ोरदार हमला
ट्रंप के मुताबिक, अमेरिकी सेना ने सीरिया में ISIS के गढ़ों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि सीरिया खून-खराबे वाला इलाका है, लेकिन अगर ISIS खत्म हो जाता है, तो उसका भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।

"अगर अमेरिका पर हमला हुआ, तो पहले से ज़्यादा दर्द होगा"
कड़े लहजे में ट्रंप ने ऐलान किया, "जो भी आतंकवादी अमेरिका पर हमला करने या धमकी देने की हिम्मत करेगा, उसे पहले से ज़्यादा कड़ा जवाब मिलेगा।" उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अमेरिका पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सीरियाई सरकार का समर्थन
ट्रंप ने दावा किया कि सीरियाई सरकार भी इस कार्रवाई का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सीरियाई नेतृत्व देश में स्थिरता और "महानता" बहाल करने के लिए काम कर रहा है और ISIS के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर रहा है।

किन इलाकों पर हमला हुआ?
सीरियाई सरकारी टीवी के मुताबिक, अमेरिकी हमलों में दीर-एज़-ज़ोर और रक्का प्रांतों के ग्रामीण इलाकों को निशाना बनाया गया। पल्मायरा के पास जबल अल-अमूर इलाके को भी निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में ISIS के हथियारों के डिपो और कमांड सेंटर नष्ट हो गए।

मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पहचान
अमेरिकी सेना ने बताया कि मारे गए दो नेशनल गार्ड सैनिक 25 साल के सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-टोवर (डेस मोइनेस) और 29 साल के सार्जेंट विलियम नथानिएल हॉवर्ड (मार्शलटाउन) थे। मैकोम्ब, मिशिगन के एक अमेरिकी नागरिक अयाद मंसूर सकत, जो एक दुभाषिए के तौर पर काम कर रहे थे, उनकी भी मौत हो गई।

हमले में अन्य घायल
यह हमला ऐतिहासिक शहर पल्मायरा के पास हुआ। तीन अन्य अमेरिकी सैनिक और कई सीरियाई सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए। हमलावर मौके पर ही मारा गया।

ISIS को चेतावनी क्यों दी गई? अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद, ट्रंप प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि अमेरिका अपने नागरिकों और सैनिकों पर किसी भी हमले का कड़ा जवाब देगा। इसीलिए, एयरस्ट्राइक के साथ-साथ ट्रंप ने ISIS को खुलेआम चेतावनी दी: "अगर अमेरिका को धमकी दी गई या उस पर हमला हुआ, तो जवाब और भी खतरनाक होगा।"