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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 'सबसे तेज' नागरिक बमबारी का सामना कर रहा है गाजा : यूएनआरडब्ल्यूए

 

गाजा, 30 नवंबर (आईएएनएस)। 'नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी' (यूएनआरडब्ल्यूए) ने कहा कि गाजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पिछले साल सबसे तीव्र नागरिक बमबारी झेली है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों की दुर्दशा दुनिया में 'सबसे लंबे समय तक अनसुलझे शरणार्थी संकट' बनी हुई है। 'यूएनआरडब्ल्यूए' की स्थापना फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी, जब तक कि एक न्यायसंगत और स्थायी समाधान नहीं मिल जाता।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में यह बयान जारी किया, जो हर साल 29 नवंबर को मनाया जाता है।

इजराइल ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल के सीमा के माध्यम से हमास के उत्पात का बदला लेने के लिए गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला किया है। इस दौरान लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 बंधक बनाए गए।

गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल के हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 44,363 हो गई है।

वहीं, हाल ही में हमास ने कहा था कि वह इजरायल-हिजबुल्लाह सीजफायर डील के बाद गाजा पट्टी में किसी भी संघर्ष विराम प्रयास में सहयोग करने के लिए तैयार है।

फिलिस्तीनी ग्रुप ने कहा, "हम लेबनान में समझौते की प्रगति पर नजर रख रहे हैं, ताकि गाजा में आग को रोकने के किसी भी प्रयास में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की जा सके।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक प्रेस बयान के हवाले से यह जानकारी दी थी।

बयान में हमास ने उन शर्तों का भी जिक्र किया था जिन्हें वह समझौते के लिए जरूरी मानता हैं। इनमें कब्जा करने वाली सेनाओं (इजरायली आर्मी) की वापसी, विस्थापित लोगों की घर वापसी, वास्तविक और पूर्ण प्रिजनर एक्सचेंज शामिल है।

--आईएएनएस

एससीएच