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बांग्लादेश में हिंदू परिवारों के पांच घरों में लगाई आग, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें स्थानीय पुलिस ने पांच संदिग्ध को पकडा

 

बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के दम्रिताला गांव में शनिवार, 27 दिसंबर को एक भयावह घटना सामने आई, जिसमें कम से कम पांच हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी गई। प्रभावित परिवारों ने बताया कि आग लगने के समय वे अपने घरों के अंदर फंसे हुए थे, क्योंकि घर के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए गए थे।

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घटना के समय कुल आठ लोग किसी तरह टिन और बांस की बाड़ काटकर बाहर निकलने में कामयाब हुए। हालांकि, उनका घर, घरेलू सामान और पालतू जानवर पूरी तरह जलकर राख हो गए। परिवारों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि बचाव के लिए कोई उपाय करना संभव नहीं था।

स्थानीय पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार फिलहाल आग लगने की सटीक वजह का पता नहीं चल पाया है। पुलिस जांच जारी है और सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमलावरों ने एक कमरे में कपड़े जमा करके आग लगा दी, जिससे आग तेजी से पूरे घर में फैल गई। इस रणनीति के कारण घरों को बचाना लगभग असंभव हो गया। प्रभावित परिवारों का कहना है कि यह घटना न केवल उनकी संपत्ति का नुकसान है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी उन्हें गहरा आघात पहुंचाया है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और प्रभावित परिवारों को प्राथमिक सहायता प्रदान की। उनके लिए अस्थायी रहने की व्यवस्था की गई और आग में जल गई संपत्ति का विवरण तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि आगे प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राज्य और केंद्र सरकार से सहयोग लिया जाएगा।

स्थानीय लोग और मानवाधिकार संगठन इस घटना की निंदा कर रहे हैं। कई संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों को सख्त सजा दिलाएँ। नागरिकों का कहना है कि ऐसे हमले न केवल धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करते हैं, बल्कि इलाके में भय का माहौल भी पैदा करते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करता है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लंबे समय तक सुरक्षा और समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

इस घटना ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन और पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।