'हर बार चीन के सहारे... कब अपने पैरों पर खड़ा होगा पाकिस्तान?' अबकी बार भी ड्रैगन ने थामा शाहबाज़ का हाथ
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो छोटी-बड़ी हर चीज़ के लिए चीन पर निर्भर रहता है। चीनी उत्पादों के बारे में अक्सर सुनने को मिलता है कि 'चले तो चाँद तक पहुँचेंगे, रात तक नहीं तो चाँद तक'। हाल ही में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में चीन के सैन्य उपकरण नष्ट कर दिए गए थे। लेकिन, अब एक बार फिर पाकिस्तान ने चीन की मदद से कुछ ऐसा किया है जिससे वह बेहद खुश है। महंगाई के इस बुरे दौर में पाकिस्तानियों को थोड़ी खुशी तो मिली होगी, लेकिन लोग यह भी सोच रहे होंगे कि उनका देश ऐसा काम सिर्फ़ चीन की मदद से ही क्यों कर पा रहा है। आइए अब आपको पूरा मामला बताते हैं।
पाकिस्तान ने क्या किया?
दरअसल, पाकिस्तान ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों पर नज़र रखने और उनका जवाब देने की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए गुरुवार को चीन से एक नया रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट लॉन्च किया। इस सैटेलाइट को पाकिस्तान के स्पेस एंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) के तकनीकी सहयोग से चीन के शीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया। इस लॉन्च में SUPARCO की अहम भूमिका रही। पाकिस्तान के सरकारी रेडियो के अनुसार, "इस उपग्रह से बाढ़, भूस्खलन, ग्लेशियर पिघलने और वनों की कटाई जैसी चुनौतियों से निपटने में काफ़ी मदद मिलने की उम्मीद है।"
योजना एवं विकास मंत्री अहसान इक़बाल ने क्या कहा?
योजना एवं विकास मंत्री अहसान इक़बाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कहा, "आज हमारे देश के लिए एक और गौरव का क्षण है, क्योंकि पाकिस्तान ने चीन के शीचांग अंतरिक्ष केंद्र से पाकिस्तान अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत अपने चौथे पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है।"
'पाकिस्तान-चीन की दोस्ती आसमान से भी आगे'
इकबाल ने SUPARCO के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि यह उपलब्धि पाकिस्तान-चीन अंतरिक्ष सहयोग की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। उन्होंने 'X' पर एक पोस्ट में लिखा, "यह उपलब्धि न केवल पाकिस्तान की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए, बल्कि पाकिस्तान-चीन की दोस्ती को आसमान से भी आगे ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है।"
रिमोट सेंसिंग उपग्रह क्या है?
रिमोट सेंसिंग उपग्रह वे उपग्रह होते हैं जो अंतरिक्ष से पृथ्वी की सतह, महासागरों, जंगलों, जलवायु और पर्यावरण के बारे में डेटा एकत्र करते हैं। ये उपग्रह किसी स्थान पर गए बिना ही उसके चित्र और जानकारी प्राप्त करने के लिए सेंसर का उपयोग करते हैं। इन्हें "रिमोट" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये दूर से जानकारी प्राप्त करते हैं, और "सेंसिंग" का अर्थ है डेटा या संकेतों को मापना और उनकी व्याख्या करना।