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आखिर क्यों है छोटा सा नामीबिया इतना खास? जहां पहुंचे PM मोदी

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राज़ील से नामीबिया पहुँच गए हैं। 27 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली नामीबिया यात्रा है। इस दौरान वह राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मुलाकात करेंगे। वह नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे। भारत और नामीबिया के बीच राजनयिक संबंध 1946 से हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में नामीबिया की स्वतंत्रता का समर्थन किया था। 1990 में नामीबिया की स्वतंत्रता के बाद, भारत ने वहाँ एक उच्चायोग स्थापित किया। वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ भारत की रणनीति के तहत नामीबिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

नामीबिया की खासियत क्या है?

नामीबिया में यूरेनियम, लिथियम और डिस्प्रोसियम जैसे दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार है। ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। भारत यूरेनियम आयात फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। नामीबिया हीरा प्रसंस्करण का भी एक केंद्र है। यह देश हीरे, सोने और अन्य खनिजों के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यहाँ का नामीब रेगिस्तान दुनिया के सबसे खूबसूरत और प्राचीन रेगिस्तानों में से एक है। यह अपनी सुंदरता और लाल रेत के टीलों के लिए प्रसिद्ध है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नामीब रेत सागर का हिस्सा है। एटोशा राष्ट्रीय उद्यान, स्वाकोपमुंड और कंकाल तट जैसे क्षेत्र अपने वन्य जीवन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि यह देश 1884 में जर्मनी का उपनिवेश था और 1990 में दक्षिण अफ्रीका से स्वतंत्र हुआ। नामीबिया अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित एक विरल आबादी वाला देश है, जिसकी राजधानी विंडहोक है।

भारत और नामीबिया के बीच कितना व्यापार होता है?

भारत और नामीबिया के बीच पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है। 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 4,858 करोड़ रुपये का है। भारत का निर्यात 2,798 करोड़ रुपये और नामीबिया से आयात 2,061 करोड़ रुपये का है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच लगभग 2,320 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, जिसमें भारत का निर्यात 2,004 करोड़ रुपये का था।

2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए

इस अफ्रीकी देश में दुनिया में चीतों की सबसे बड़ी आबादी है। 2022 में, भारत सरकार ने नामीबिया के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत, नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए।

नामीबिया से लाए गए इन चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में रखा गया। इन चीतों में पाँच मादा चीते और तीन नर चीते थे। इनमें से एक मादा चीते का नाम प्रधानमंत्री मोदी ने आशा रखा। बाद में आशा ने कुनो में तीन शावकों को भी जन्म दिया।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले, 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नामीबिया का दौरा किया था। 27 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री नामीबिया का दौरा कर रहा है।