ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद UNSC की आपात बैठक, इन देशों ने की सीजफायर की मांग
परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक बुलाने की मांग की। परिषद ने भी इजराइल, ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए आपात बैठक बुलाई, जो कल रात करीब 12:30 बजे भारतीय समयानुसार हुई। बैठक में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने देशों को ईरान के हालात और इजराइल-अमेरिकी हमले से ईरान को हुए नुकसान के बारे में बताया। अमेरिका ने ईरान पर हमला करने की अपनी कार्रवाई को सही ठहराया। ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार विकसित न करने देने का संकल्प दोहराया।
विवाद समाधान पर सदस्य देशों को सलाह
आईएईए प्रमुख ने क्या कहा?
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में ईरान के हालात के बारे में बताया। ग्रॉसी ने बैठक में बताया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। फोर्डो परमाणु स्थल पर बमबारी की, जिससे परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कितना नुकसान हुआ, लेकिन नुकसान तो हुआ। इस्फ़हान परमाणु संयंत्र के प्रवेश बिंदुओं को बाधित करने की कोशिश में हमले किए गए। नतांज परमाणु स्थल पर मिसाइलें भी दागी गई हैं। हालांकि तीनों परमाणु स्थलों से परमाणु विकिरण लीक नहीं हुआ है, लेकिन नुकसान हुआ है।
रूस-चीन-पाकिस्तान का क्या है प्रस्ताव?
यूएनएससी की बैठक में रूस-चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से इजरायल और ईरान में युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने सदस्य देशों को प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। इसमें IAEA द्वारा संरक्षित ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की निंदा की गई। हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच तत्काल युद्ध विराम की भी मांग की। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रस्ताव पर मतदान कब होगा, लेकिन चर्चा है कि अमेरिका प्रस्ताव पर वीटो लगा सकता है।
बैठक में रूस ने क्या कहा?
यूएनएससी की बैठक में रूस ने अमेरिका की कड़ी निंदा की और ईरान पर हमले को 'पेंडोरा बॉक्स' बताया। रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके अमेरिका ने मुसीबत का दरवाजा खोल दिया है। अमेरिका ने 2003 में झूठे बहाने से इराक पर हमला किया था और अब अमेरिका ईरान के साथ भी ऐसा ही कर रहा है। अमेरिका ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुनौती दी है।
बैठक में चीन ने क्या कहा?
यूएनएससी की बैठक में चीन के राजदूत फू कांग ने भी ईरान पर हमले को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में हालात ठीक नहीं हैं। चीन ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले की निंदा करता है और तत्काल युद्ध विराम की मांग करता है। यह चिंताजनक है कि स्थिति खराब है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध को बढ़ने से रोका जाना चाहिए।
क्या बोले संयुक्त राष्ट्र महासचिव?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ईरान पहले से ही अशांति से जूझ रहा है और अमेरिकी बमबारी ने संघर्ष को एक खतरनाक मोड़ दे दिया है। कूटनीति को बढ़ते खतरों को टालना होगा, नागरिकों की रक्षा करनी होगी, सुरक्षित समुद्री परिवहन की गारंटी देनी होगी। रूस, चीन और पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित मसौदा पहले सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच प्रसारित किया जाएगा, फिर अगले सप्ताह की शुरुआत में मतदान होगा।