मोसाद ने दिए 'जनरल हातमी' को '12 घंटे'? ट्रंप भी नहीं रोक पाए खूनी जंग? क्या ईरान में हर ओर फैल चुका है Mossad का जाल?
ईरान के कई शहरों में एक ही दिन एक साथ विस्फोट हुए। कुछ शहर ऐसे भी हैं जहाँ ईरान के परमाणु संयंत्र हैं। खबर है कि ईरान को कुछ जगहों पर अपनी वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय करनी पड़ी। ये विस्फोट एक निश्चित क्रम में हुए। हालाँकि ईरान ने शुरुआत में विस्फोट के लिए गैस रिसाव को ज़िम्मेदार ठहराया, लेकिन इज़राइल ने पहले विस्फोट के बाद ही फ़ारसी में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। इसके बाद, रहस्यमय विस्फोटों का पूरा मामला संदिग्ध लगने लगा। आइए जानते हैं इन विस्फोटों के पीछे क्या है?
पहला विस्फोट ईरान के क़ोम शहर में हुआ। इस विस्फोट में एक आवासीय परिसर नष्ट हो गया। ईरान ने कहा कि क़ोम में हुए विस्फोट का कारण गैस रिसाव था। क़ोम के साथ-साथ ईरान के अन्य शहरों से भी विस्फोटों की खबरें और तस्वीरें आने लगीं। तेहरान के ख़तम अल अंबिया में आग लग गई। मशहद के एक अपार्टमेंट में विस्फोट के बाद आग लग गई। तबरीज़ में हुए विस्फोटों के बाद, ईरान को अपनी वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय करनी पड़ी।
तब्रीज़ के बाद करज में भी विस्फोट और आगजनी हुई। ईरान में विस्फोटों की एक श्रृंखला हुई। ईरान ने इस विस्फोट के लिए गैस रिसाव को ज़िम्मेदार ठहराया और इस बयान के बाद, इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा, "क्या यह बेहतर नहीं होता कि ईरान दिवालिया आतंकवादी संगठनों को अरबों डॉलर देने के बजाय अपनी गैस पाइपलाइन की मरम्मत करवा लेता?"
पिछले महीने युद्धविराम के बाद से ईरान में आग और विस्फोटों की घटनाएँ जारी हैं। ईरान ने विस्फोटों के लिए ख़राब गैस लाइनों को ज़िम्मेदार ठहराया। लेकिन विस्फोट के कुछ ही घंटों बाद, पश्चिमी तेहरान स्थित ख़तम अल-अनबिया अपार्टमेंट परिसर में भीषण आग लग गई। यहाँ रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी IRGC का मुख्यालय है। यह IRGC की मुख्य इंजीनियरिंग और निर्माण शाखा है।
अली तैयब की मौत की घोषणा
पिछले हफ़्ते तेहरान में ईरानी सशस्त्र बलों की न्यायिक शाखा में आग लग गई थी। तेहरान ने भी इसके पीछे गैस रिसाव को कारण बताया था। कुछ घंटों बाद, ईरान ने पूर्व IRGC कमांडर अली तैयब की मौत की घोषणा की। यानी ईरान में आग और विस्फोट की घटनाएँ वहीं हो रही हैं जहाँ ईरानी सशस्त्र बल और IRGC स्थित हैं। इसीलिए इस बात का गहरा संदेह है कि ईरान इन विस्फोटों की सच्चाई छिपा रहा है।
इसके पीछे की वजह यह है कि पिछले हफ़्ते हुए विस्फोटों के बाद, इज़राइल के रक्षा मंत्री ने कहा था कि इज़राइल के लंबे हाथ ख़ामेनेई तक पहुँचेंगे। चाहे वे तेहरान में हों, या तबरीज़ या इस्फ़हान में। इसका मतलब है कि इज़राइली ख़ुफ़िया एजेंसी का ऑपरेशन ईरान में चल रहा है। ये विस्फोट ईरानी रक्षा बलों के ठिकानों पर हो रहे हैं।
मोसाद ख़ामेनेई को निशाना बनाना चाहता था
ईरानी सेना के कमांडर विस्फोटों में मारे जा रहे हैं। मोसाद के एजेंट ख़ामेनेई को निशाना बनाने की फिराक में हैं। ईरान और इज़राइल दोनों ही गुप्त ऑपरेशन चलाने में बेहद गोपनीय हैं, लेकिन ईरान में मोसाद का ऑपरेशन साफ़ दिखाई देता है। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी पहली बार स्वीकार किया है कि मोसाद लंबे समय से ईरान में सक्रिय है।
अमेरिकी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में, नेतन्याहू ने कहा है कि इज़राइल ने युद्ध शुरू होने से कई साल पहले ही ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। अगर ईरान पर ऐसे हमले न होते, तो वह एक साल के अंदर ही परमाणु बम बना लेता। यह साफ़ है कि ईरान में इस समय हो रहे विस्फोटों के पीछे इज़राइल का हाथ है। इसीलिए ये विस्फोट, जो दुर्घटनाएँ प्रतीत होते हैं, एक पैटर्न में हो रहे हैं और इनके निशाने पर ईरानी रक्षा बल भी हैं।