डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरी डिप्लोमेसी का बड़ा असर! विदेशी कंपनियों ने अमेरिका में झोंका निवेश, रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश को फिर से महान बनाने के जुनून में हैं। इसके लिए वह ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। कुछ देशों के साथ उन्होंने सौदे भी किए हैं। इन देशों ने अमेरिका में भारी निवेश करने की बात कही है। इस बीच, अमेरिका में विदेशी निवेश तेज़ी से बढ़ा है। मई तक 12 महीनों के दौरान अमेरिका में शुद्ध पूंजी प्रवाह रिकॉर्ड 1.76 ट्रिलियन डॉलर रहा। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि कई देशों ने अमेरिका में पैसा लगाने की बात कही है।
हाल के दिनों में ट्रंप ने जिन देशों के साथ व्यापारिक सौदे किए हैं, उन सभी ने अमेरिका में भारी निवेश करने की बात कही है। साफ़ है कि विदेशी निवेशक अमेरिका में भारी निवेश कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में विदेशी निवेश दोगुना हो गया है। हालाँकि साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन उसके बाद इसमें तेज़ी आई। घरेलू निवेशकों में भी उत्साह का माहौल है। मई में, अगले 12 महीनों में शेयरों की कीमत बढ़ने का यकीन रखने वालों की संख्या 47.9 प्रतिशत तक पहुँच गई। यह आँकड़ा 11 महीनों में सबसे ज़्यादा है।
भारत और चीन से ख़तरा
अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है। इससे अमेरिकी ख़ज़ाने में काफ़ी पैसा आने की उम्मीद है, जिससे देश को अपना कर्ज़ कम करने में मदद मिलेगी। अमेरिका का कर्ज़ 37 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है, जो उसकी अर्थव्यवस्था का लगभग 125 प्रतिशत है। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि 2075 तक चीन और भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका से आगे निकल सकती है। तब चीन 57 ट्रिलियन डॉलर के साथ पहले नंबर पर होगा और भारत 52.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर होगा, जबकि अमेरिका 51.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर खिसक जाएगा।