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China ने हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने की पेशकश पर ब्रिटेन को दी चेतावनी

 

चीन ने शुक्रवार को हांगकांग के निवासियों को नागरिकता देने की पेशकश के खिलाफ ब्रिटेन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह प्रतिकार उपायों से बचने के लिए तुरंत अपनी गलतियों में सुधार करे। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा हांगकांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के जवाब में, ब्रिटेन ने जुलाई में केवल ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) पासपोर्ट रखने वाले नागरिकों को नागरिकता देने की अपनी योजना की फिर से पुष्टि की थी।

हांगकांग में ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास के अनुसार, लगभग 300,000 लोग वर्तमान में बीएनओ पासपोर्ट रखते हैं, जबकि अनुमानित 29 लाख लोग इसके लिए पात्र हैं।

दक्षिण चीन मॉनिर्ंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, विदेशी मामलों के प्रवक्ता झाओ लिजियन से पूछा गया कि क्या बीजिंग जवाबी कार्रवाई करेगा या बीएनओ पासपोर्ट धारकों को हांगकांग छोड़ने से रोक देगा।

इस पर प्रवक्ता ने कहा, चीनी सरकार ने इस मुद्दे पर अपने मजबूत रुख को बार-बार स्पष्ट किया है, लेकिन ब्रिटिश पक्ष ने हांगकांग के मामलों और चीन के घरेलू मुद्दों पर हस्तक्षेप करने पर जोर दिया है।

उन्होंने कहा, जैसा कि ब्रिटिश पक्ष ने अपने स्वयं के वादों को तोड़ दिया, चीनी सरकार बीएनओ पासपोर्ट को एक वैध यात्रा दस्तावेज के रूप में मान्यता नहीं देने पर विचार करेगी और आगे के उपायों को लागू करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी।

शुक्रवार को जारी एक बयान में, विदेश मंत्रालय के हांगकांग कार्यालय के एक प्रवक्ता ने भी कहा कि उन्होंने ब्रिटेन के कदम का ²ढ़ता से विरोध और ²ढ़ता से आपत्ति जाहिर की है।

उन्होंने कहा, हमने ब्रिटिश पक्ष से अपनी गलतियों को तुरंत सुधारने और अपने कटती प्रदर्शन एवं राजनीतिक हेरफेर को रोकने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा नागरिकों को यह नया मार्ग को प्रदान करने को ब्रिटेन की ओर से सार्वजनिक रूप से अपने स्वयं का वादे का उल्लंघन करार दिया।

प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन ने चीन के घरेलू मुद्दों और हांगकांग के मामलों में दखल दिया है और इसके साथ ही उसने अंतराष्र्ट्ीय कानून और संबंधों के बुनियादी सिद्धांतों का भी गंभीर रूप से उल्लंघन किया है।

बीबीसी के रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सरकारी विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि जनवरी 20121 में नया वीजा उपलब्ध होने पर दस लाख से अधिक लोग ब्रिटेन में जाने का फैसला कर सकते हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस