भारत न होता तो हमारी इकोनॉमी बर्बाद हो जाती! मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद बोले- PM मोदी की यात्रा से देश में भारतीय टूरिस्ट बढ़ेंगे
भारत और मालदीव के बीच दशकों पुराने रिश्ते हैं। बीच-बीच में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारत हमेशा मालदीव की मदद के लिए तैयार रहा है। अब यह रिश्ता एक बार फिर मजबूत होता दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव के दौरे पर हैं। जहाँ वह मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस बीच, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि देश का हर नागरिक खुश होगा।
आर्थिक मदद के लिए दिल से आभार दरअसल, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत की आर्थिक मदद के लिए दिल से आभार जताया है। नशीद ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि अगर भारत न होता तो हम डिफॉल्ट कर जाते। उन्होंने कहा कि जब मालदीव सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा था और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा था, तब भारत की समय पर दी गई मदद ने देश को दिवालिया होने से बचाया।
नशीद ने कहा कि भारत के साथ संबंध केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं हैं और यह साझेदारी विश्वास और क्षेत्रीय सहयोग पर आधारित है। उन्होंने कहा कि रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया जैसे मुद्दों पर भारत के साथ हमारी साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। नशीद के अनुसार, दोनों देशों की नीतियाँ अब स्थिर हो गई हैं और मालदीव की 'भारत प्रथम' नीति पहले से कहीं अधिक मज़बूत है।
इसके साथ ही, भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए, नशीद ने कहा कि भारत अब 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह विकास पड़ोसी देशों के साथ साझेदारी की भावना पर आधारित है। उन्होंने भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति की सराहना की जिसने मालदीव जैसे देशों को भारत की आर्थिक गति में शामिल होने का अवसर दिया है। उन्होंने भारत से मालदीव के लिए मछली व्यापार को बढ़ावा देने और एक औपचारिक व्यापार समझौते की भी वकालत की।
मोदी की यात्रा पर्यटन को भी नई दिशा देगी। नशीद ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर्यटन को भी नई दिशा देगी, खासकर उत्तरी मालदीव में। उन्होंने कहा कि भारत की मदद से बन रहा हनीमादु हवाई अड्डा लगभग बनकर तैयार है और यह दक्षिण भारत के शहरों से एक घंटे की दूरी पर होगा। यह संपर्क दोनों देशों को पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। पीएम मोदी की इस यात्रा को भारत-मालदीव संबंधों को नई मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।