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अमेरिका ने भी भारत का लोहा माना, इजरायली 'लटकन बाबा' ने राफेल बनकर दिया दुश्मन को चकमा, जानें कैसे ?

 

हमने राफेल को मार गिराया... दुनिया भर में सुर्खियाँ बटोरने वाला पाकिस्तान कभी यह साबित नहीं कर पाया कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल लड़ाकू विमान को मार गिराया था। उसके मंत्री, नेता, यहाँ तक कि सेना के अधिकारी भी कई मंचों से बार-बार यह दावा करते रहे, लेकिन सब झूठ निकला। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बहुत ही कुशलता से इस्तेमाल किया था। इससे दुश्मन की मिसाइलें नष्ट हो गईं। सभी ने टारगेट लॉक करके निशाना साधा। लेकिन, उन्हें राफेल ने नहीं, बल्कि 'लटकन बाबा' ने मारा। आइए समझते हैं कि लटकन बाबा कौन हैं, जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और पाकिस्तान को भी झूठी खुशी दी। यानी लटकन बाबा के इर्द-गिर्द भारत भी खुश और पाकिस्तान भी खुश।

कौन हैं लटकन बाबा, पहले ये समझ लीजिए

द वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक छोटे से उपकरण का इस्तेमाल किया था, जो राफेल में लटका होता है। इसका नाम एक्स-गार्ड है। यह 30 किलो वज़न का एक छोटा सा उपकरण है, जो लगभग 100 मीटर लंबी मज़बूत फ़ाइबर ऑप्टिक केबल के ज़रिए राफेल से जुड़ा होता है।

लटकन बाबा कैसे दुश्मनों को चकमा देते हैं

द वीक के अनुसार, लटकन बाबा या राफेल से जुड़ा एक एक्स-गार्ड असली लड़ाकू विमान जैसे सिग्नल भेजता है। दुश्मन की रक्षा प्रणाली या रडार को लगता है कि यह असली लड़ाकू विमान है। एक्स-गार्ड असली राफेल के रडार सिग्नल और डॉप्लर प्रभाव की नकल करके उसे प्रसारित करता है। इसके पीछे एआई का खेल है, जो दुश्मन को भ्रमित करता है। यह इलेक्ट्रॉनिक युद्ध है, जिसे अब पूरी दुनिया मान रही है। पाकिस्तानी वायुसेना को भी यही लगा और उसने उसी एक्स-गार्ड पर मिसाइलें दाग दीं। हालाँकि, भारतीय राफेल को कुछ नहीं हुआ। पाकिस्तानी सेना जश्न मनाने लगी कि हमने भारत के सबसे शक्तिशाली युद्धपोत को उड़ा दिया। साथ ही, भारतीय वायुसेना को भी इस बात की खुशी हुई कि उसके एक्स-गार्ड ने पाकिस्तानी मिसाइलों को चकमा दे दिया।

जानें, एक्स-गार्ड किसने बनाया

एक्स-गार्ड का निर्माण इज़राइली हथियार निर्माता कंपनी राफेल ने किया है। यह गार्ड असली लड़ाकू विमान की तरह सिग्नल भेजता है, जिससे दुश्मन भ्रमित हो जाता है। इससे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली ध्वस्त हो जाती है। इसकी गति और दिशा बिल्कुल लड़ाकू विमान जैसी ही होती है, क्योंकि यह लड़ाकू विमान से बंधा होता है। दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली का रडार इसे दुश्मन का विमान समझ लेता है और लक्ष्य पर निशाना साधकर फायरिंग शुरू कर देता है।

अमेरिका ने भी भारत का लोहा माना

द इकोनॉमिक टाइम्स ने idrw.org के हवाले से बताया है कि अमेरिकी वायुसेना के पूर्व पायलट रयान बोडेनहाइमर, जिन्होंने अमेरिका की ताकत के खिलाफ F-16 लड़ाकू विमान उड़ाया था, भी भारत के इलेक्ट्रॉनिक युद्धकौशल का लोहा मानते हैं। अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञ रयान बोडेनहाइमर का कहना है कि भारत के AI-आधारित डिकॉय सिस्टम ने पाकिस्तानी वायुसेना के मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने ऐसा इलेक्ट्रॉनिक युद्धकौशल पहले कभी नहीं देखा था। ऐसे में भारत के असली लड़ाकू विमान पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह करके लौट गए, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर सका।

राफेल का एक्स-गार्ड दुश्मन को गुमराह करता है

रयान ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को आसानी से तबाह कर पाए क्योंकि एक्स-गार्ड ने पाकिस्तान की रक्षा और रडार प्रणालियों को चकमा दे दिया था। भारत ने पाकिस्तान की मिसाइलों को गुमराह किया।

चीन के रडार और चीन की मिसाइलें नाकाम रहीं

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली में चीन द्वारा निर्मित J-10C रडार और चीन द्वारा निर्मित PL-15E मिसाइलें शामिल हैं, जिन्हें बेहद उन्नत बताया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, J-10C रडार ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को रोक लिया था। यहाँ तक कि चीन निर्मित PL-15E मिसाइलें भी लक्ष्य पर टिक गईं। मिसाइलें भी दागी गईं, लेकिन लटकन बाबा को लेकर वे भ्रमित ही रहीं।