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आखिर क्यों अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन, जानें क्या है ट्रंप का मिशन?

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति गाजा और सीरिया में इजरायली सेना के हमलों से चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों के हालात सुधारने और विवाद सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की है। वे इजरायल और हमास के बीच युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। इजरायल और सीरिया के बीच चल रहे संघर्ष को सुलझाना चाहते हैं, ताकि मध्य पूर्व में शांति स्थापित हो सके। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक मीडिया ब्रीफिंग में इस बारे में बताया।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया में शांति चाहते हैं। खासकर मध्य पूर्व में फैली अशांति को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को खत्म कराया। ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट किया गया। फिर ईरान और इजरायल में संघर्ष विराम हुआ। वे रूस और यूक्रेन में भी युद्ध खत्म करना चाहते हैं और इसकी कोशिश कर रहे हैं। इजरायल और हमास चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों से ही इज़राइली और हमास बंधकों की रिहाई संभव हो पाई।

इज़राइल और हमास के बीच युद्ध क्यों चल रहा है?

आपको बता दें कि इज़राइल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर, 2023 से चल रहा है। इज़राइल ने फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास को नष्ट करने की कसम खाई है। इसके लिए इज़राइल हमास के गढ़ गाजा पट्टी को निशाना बना रहा है। हाल ही में, मई महीने में, इज़राइली सेना ने गाजा में कई हमले किए। इन हमलों में खाने-पीने की तलाश में लगभग 1,000 लोग मारे गए। इज़राइली सेना ने कैथोलिक चर्च पर भी हमला किया। ट्रम्प इज़राइली सेना के हमले और गाजा में बिगड़ते हालात से चिंतित हैं, इसलिए वह जल्द से जल्द इज़राइल-हमास युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं।

इज़राइल का सीरिया के साथ क्या विवाद है?

इज़राइल ने सीरिया पर ड्रूज़ समुदाय के कारण हमला किया है। इज़राइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में ड्रूज़ समुदाय के लगभग डेढ़ लाख लोग रहते हैं। यह समुदाय इज़राइल में अल्पसंख्यक है और इज़राइल सीरिया में रहने वाले ड्रूज़ समुदाय को अपने में मिलाना चाहता है, जबकि सीरिया की नई सरकार अपने क्षेत्र में रहने वाले ड्रूज़ समुदाय पर शासन करना चाहती है। इसी ड्रूज़ समुदाय की रक्षा का तर्क देते हुए इज़राइल ने सीरिया पर हमला किया है।