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आखिर क्या होता है Non-Veg Milk और क्यों हो रही है इसकी चर्चा? यहां जानें सबकुछ

 

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और समाचार जगत में "नॉन वेज़ मिल्क" शब्द ने हलचल मचा दी है। लोग बार-बार इस नाम को सुनते ही चौंक जाते हैं। दूध को पारंपरिक रूप से "शाकाहारी" माना जाने वाला उत्पाद माना जाता है जो अब "मांसाहारी" कैसे हो सकता है। "नॉन वेज़ मिल्क" भारत और अमेरिका के बीच के कारोबार में बड़ी बाधा बनी है। भारत और अमेरिका के बीच क्या चल रहा है ये हम बाद में कंज्यूमर में शामिल हो गए लेकिन पहले जान लें कि ये "नॉन वेज मिल्क" क्या है।

नॉनवेज दूध क्या है?

पूरी दुनिया में गाय और भैंस के दूध का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। ये शाकाहारी जानवर हैं। घास, अनाज, चरबी और दूध देते हैं। भारतीय परंपरा में दूध का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। पूजा और अन्य पवित्र कार्य में इसका प्रयोग होता है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक सभी इसे बड़े चाव से खरीदते हैं। अमेरिका में दूध और गाय को लेकर ऐसी कोई मान्यता नहीं है। गाय से अधिक दूध मिले इसके लिए अमेरिका में गाय मांस उद्योग से बेचने वाला कचरा बेचा जाता है। इस तरह का खाना खाने वाली गाय से मिले दूध को नॉनवेज दूध कहा जाता है।

एक और अधिकारी जानें

यह तो एक सिद्धांत है इसी का दूसरा सिद्धांत यह है कि कई बार दूध प्राप्त करने की प्रक्रिया में नारियल के साथ नारियल का प्रयोग किया जाता है, इसलिए कई लोग इसे शुद्ध रूप से शाकाहारी नहीं मानते हैं। उदाहरण के तौर पर दूध के लिए गाय या भैंस को बार-बार परेशान किया जाता है। दूध को दूध के साथ नहीं पिया जाता या अलग-अलग कर दिया जाता है। कई फर्मों में साहिल के साथ अवांछित व्यवहार किया जाता है। ऐसी स्थिति में कुछ पशु-अधिकार कार्यकर्ता इसे भी नॉनवेज दूध की संज्ञा देते हैं।

जानें अमेरिका में बिजनेसमैन कौन से हैं?

ये तो हुई आम बात अब जरा वह भी जान लें जो विशेषज्ञ कहते हैं या फिर सार्वजनिक रूप से लोगों को पता है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट) के अजय अग्रवाल कहते हैं, "कल्पना कीजिए कि आप उस लड़के के दूध से मक्खन खा रहे हैं जो दूसरी बार गाय का मांस और खून दिया गया हो।" अमेरिकन न्यूज पेपर द सिएटल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में ऐसे चारे की पेशकश की जाती है जिनमें सुअर, मछली, गाय, घोड़ा, यहां तक कि बिल्ली या कुत्ते का अंग भी शामिल हो सकता है। गाय को प्रोटीन के लिए सूअर और घोड़े का खून दिया जाता है।

आन्ध्र भारत- अमेरिका के बीच व्यापारी डिलर वाला एंगल

अब आपको इस मामले में पूरे भारत और अमेरिका के बीच ट्रेडर्स डील वाले एंगल भी लगे हुए हैं। भारत जैसे देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। पूजा से लेकर बड़े उत्सव तक दूध के बिना पूरा नहीं हो सकता। अब जरा सोचिए कि अमेरिकन ग्रोअर का दूध भारतीय प्लास्टिक बाइक में है तो समस्या कितनी विकराल होगी। अमेरिका चाहता है कि भारत अपना बेंचमार्क बाज़ार खोले, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है। भारत के लिए यह रेड लाइन किस तरह से पार नहीं की जा सकती। ये अमेरिका और भारत के बीच का कारोबार डिलर में फंसा हुआ पेच भी है।

भारत ने रखा है बैन

अब तक आप "नॉन वेज मिल्क" के बारे में समझ गए होंगे। अमेरिका और भारत के बीच की समस्या अब भी आप जान चुके हैं। इस बीच यहां आपको यह भी बता दें कि, यूएसआरटी की एनटीई (नेशनल ट्रेड एस्टीमेट) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जानवरों के मांस या खून जैसे पदार्थ मिलाए जाने वाले खाद्य पदार्थ वाले समूह से बने उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है।