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Trump द्वारा नामित की गईं एमी बैरेट बनीं Supreme Court की जज

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित की गईं एमी कोनी बैरेट को सीनेटरों ने अपना समर्थन देकर जज के तौर पर आजीवन नियुक्ति की पुष्टि की है। इसके साथ ही बेंच पर कंजर्वेटिव पकड़ मजबूत हो गई है।

राष्ट्रपति चुनाव से ठीक 8 दिन पहले सोमवार को बैरेट को रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटरों ने 52 वोट देकर जज बनने पर मुहर लगा दी और जबकि उनके विपक्ष में 48 वोट पड़े। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय पीठ में से 6 सदस्य अब कंजर्वेटिव विचारधारा वाले होंगे।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स मंगलवार को उन्हें जज के तौर पर शपथ दिलाएंगे। बैरेट की नियुक्ति तत्कालीन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा नामित की गईं रूथ बेडर गिन्सबर्ग के निधन के बाद खाली हुए पद पर हुई है।

अफ्रीकी मूल के हैती से गोद लिए गए 2 बच्चों समेत 7 बच्चों की मां बैरेट केवल 48 साल की उम्र में देश की सर्वोच्च अदालत में अहम पद पर पहुंची हैं और उनके एक लंबे कार्यकाल की उम्मीद की जा रही है।

डेमोक्रेट्स ने चुनाव के इतने करीब होने पर बैरेट की नियुक्ति का विरोध किया था और कहा था कि इस पद के लिए उम्मीदवार नामित करना नए राष्ट्रपति का विशेषाधिकार होना चाहिए। डेमोक्रेटिक पार्टी की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने बैरेट के खिलाफ मतदान करने के बाद ट्वीट किया कि यह ‘एक नाजायज प्रक्रिया’ थी और इसे ‘हम कभी नहीं भूलेंगे’।

वहीं, डेमोक्रेट के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने बैरेट की पुष्टि नहीं की और कहा कि वह इस मुद्दे को देखने के लिए एक आयोग नियुक्त करेंगे। डेमोक्रेट्स के लिए यह चिंता का विषय है कि 3 नवंबर के चुनाव से जुड़े मामलों को हल करने के लिए यदि अदालत को बुलाया जाता है उन्हें समस्या हो सकती है। इससे पहले साल 2000 में हुए चुनावों में करीबी नतीजे आने के बाद अदालत ने रिपब्लिकन जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को डेमोक्रेट के अल गोर के ऊपर विजेता घोषित कर दिया गया था।

उप राष्ट्रपति और सीनेट के अध्यक्ष माइक पेंस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क शॉर्ट के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद पेंस इस प्रक्रिया से दूर रहे। डेमोक्रेट्स ने कहा था कि उन्हें चेम्बर में नहीं आना चाहिए क्योंकि उनकी “अकेले की उपस्थिति कई लोगों के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है”।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस