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बिहारी चचा का देसी इनोवेशन! तराजू से सब्जी तौलने का ऐसा जुगाड़ देख इंजीनियर भी हैरान, VIDEO देख आप भी हो जाएंगे कन्फ्यूज 

 

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो कभी स्कूल नहीं जाते... लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें कुछ आता ही नहीं। कई बार ऐसे लोग पढ़े-लिखे लोगों से भी ज़्यादा समझदार और हुनरमंद होते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें एक बूढ़ा आदमी परवल बेचता हुआ नज़र आ रहा है। लेकिन सबसे ख़ास बात ये है कि वो तराजू पर सब्ज़ी तौलने के लिए न तो कोई बाट रखता है और न ही कोई तराजू। वो तराजू के एक पलड़े में परवल रखता है और दूसरा पलड़ा खाली छोड़ देता है। फिर भी तराजू बिल्कुल संतुलित रहता है! ये नज़ारा लोगों को हैरान कर रहा है... और चाचा की समझदारी को सलाम करने पर भी मजबूर कर रहा है।

क्या आपने कभी तौलने का ऐसा तरीका देखा है?
ये क्लिप 25 सेकंड की है, जिसमें एक बूढ़ा आदमी परवल बेचता हुआ नज़र आ रहा है। वो परवल का ढेर लेकर बैठा है और उसे तराजू पर तौलकर ग्राहकों को दे रहा है। लेकिन चाचा का परवल तौलने का अंदाज़ शहरी लोगों को थोड़ा अलग और दिलचस्प लगा। दरअसल, चाचा ने तराजू के एक पलड़े में परवल तो रखे, लेकिन दूसरे पलड़े में न तो कोई बाट रखा और न ही कोई वज़न। वो पलड़ा खाली ही रहा। इसके बावजूद, तराजू का पलड़ा बिल्कुल बराबर रहा... यानी परवल लगभग सही तौले गए! यही वजह है कि यह मामला इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया।

'बिना वज़न के तौल हो रहा है...'

एक यूज़र ने चाचा की इस तकनीक को 'पल्ला' बताया, तो किसी ने कहा कि उन्होंने द्रव्यमान केंद्र का इस्तेमाल किया। तो एक यूज़र ने लिखा- वैसे, यह बहुत पुरानी और तार्किक तकनीक है। GenZ इसका मज़ाक ही उड़ाएगा। @subhashkumar468 नाम के यूज़र ने लिखा- भौतिकी का यह नियम आधार और वज़न की पुष्टि करता है। यह कोई चमत्कार या मूर्खता नहीं है। यह विज्ञान का सटीक इस्तेमाल है। तराजू के आधार पर लगी हर गांठ अपना वज़न बताती है। एक यूज़र ने मज़ाक करते हुए लिखा, "यह तकनीक माइक्रोसॉफ्ट को भी मात दे सकती है। वैसे, इस 'तकनीक' के बारे में आपका क्या कहना है?"