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जयपुर की पहाड़ियों पर बसा वह किला जहां छिपा है भारत की सबसे भारी तोप और गुप्त खजाने का रहस्य, वीडियो में देखे कहानी Jaigarh Fort की 

 

राजस्थान की राजधानी जयपुर के अरावली पर्वतमाला की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित जयगढ़ किला केवल एक किला नहीं, बल्कि भारत के शौर्य, पराक्रम और रणनीतिक समझ का जीता-जागता उदाहरण है। 'चील का टीला' नामक पहाड़ी पर बना यह दुर्ग न केवल वास्तुकला की दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि इसमें छिपे रहस्य, भव्यता और समृद्ध इतिहास ने इसे विश्व मानचित्र पर एक खास स्थान दिलाया है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/TqcRw_2SJQk?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/TqcRw_2SJQk/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="Jaigarh Fort Jaipur History | जयगढ़ किले का इतिहास, स्थापना, वास्तुकला, खजाना, विश्व की सबसे बड़ी तोप" width="695">

निर्माण और इतिहास

जयगढ़ किले का निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने वर्ष 1726 में करवाया था। इसका उद्देश्य मुख्यतः आमेर किले की रक्षा करना था, जो इससे कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसे सामरिक दृष्टि से इतना सशक्त बनाया गया था कि किसी भी आक्रमण की स्थिति में जयगढ़ से आमेर को सैन्य सहायता मिल सके। यही कारण है कि इस किले को ‘रणनीतिक किला’ भी कहा जाता है। जयगढ़ किला मुगलों और राजपूतों के बीच कई राजनैतिक घटनाओं का केंद्र भी रहा। यह किला मुगलों के समय में तोप और बारूद के निर्माण के लिए एक अहम केंद्र था। माना जाता है कि औरंगज़ेब के समय में यहाँ सैन्य सामग्री को संग्रहित किया जाता था। यही कारण है कि आज भी इस किले में भारत की सबसे बड़ी तोप "जयवाना तोप" रखी गई है, जो इसका गौरव है।

स्थापत्य और विशेषताएं

जयगढ़ किला वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह किला लगभग 3 किलोमीटर लंबा और 1 किलोमीटर चौड़ा है। इसकी दीवारें मजबूत और ऊँचाई पर स्थित हैं, जिससे दुश्मन पर नज़र रखना आसान था। किले में पानी के संरक्षण के लिए कई जलाशय और टैंक बनाए गए थे, जो उस समय की जल संरक्षण प्रणाली की समझ को दर्शाते हैं।यहाँ मौजूद अर्मोरी में पुराने समय के अस्त्र-शस्त्र, तलवारें, ढालें, बंदूकें और तोपें रखी गई हैं, जो इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं। इसके अलावा दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, लक्ष्मी विलास, विलास मंदिर और अराम मंदिर जैसे संरचनाएं इसकी भव्यता को और भी बढ़ा देती हैं।

जयवाना तोप: दुनिया की सबसे भारी तोप

जयगढ़ किले की सबसे बड़ी पहचान है – जयवाना तोप, जिसे भारत की ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे भारी और शक्तिशाली तोपों में गिना जाता है। यह तोप लगभग 50 टन वजनी है और इसे जयगढ़ में ही ढाला गया था। यह इतनी शक्तिशाली है कि इसकी मारक क्षमता 22 मील तक मानी जाती है। खास बात यह है कि यह तोप केवल एक बार परीक्षण के लिए चलाई गई थी और उसके बाद इसका उपयोग युद्ध में नहीं किया गया।

किले से जुड़े रहस्य

जयगढ़ किले से कई रहस्य भी जुड़े हुए हैं, जिनमें सबसे चर्चित है – छिपा हुआ खजाना। माना जाता है कि जयगढ़ किले में कभी राजा मानसिंह द्वारा अफगान युद्ध के दौरान अर्जित किया गया खजाना छुपाया गया था। इस खजाने की खोज के लिए 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर सेना ने खुदाई भी करवाई थी, लेकिन कोई प्रमाणिक जानकारी सामने नहीं आई।इसके अलावा, स्थानीय लोगों का मानना है कि किले के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहाँ आज भी अलौकिक शक्तियों का प्रभाव है। हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, पर पर्यटक इन स्थानों पर विशेष जिज्ञासा दिखाते हैं।

पर्यटन की दृष्टि से महत्व

जयगढ़ किला आज जयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यहाँ से पूरे जयपुर शहर और आमेर किले का दृश्य बेहद मनमोहक दिखाई देता है। किले तक जाने के लिए सड़क मार्ग के साथ-साथ ट्रेकिंग का भी रोमांचक विकल्प है। किले की भव्य दीवारों और ऊँचाई से सूर्यास्त का दृश्य देखकर हर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाता है।राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ गाइडेड टूर, हेरिटेज वॉक, और साउंड एंड लाइट शो जैसी गतिविधियाँ भी समय-समय पर आयोजित की जाती हैं, जो इतिहास को और भी जीवंत बना देती हैं।

सांस्कृतिक धरोहर और संरक्षण

जयगढ़ किला न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए राजस्थान सरकार और पुरातत्व विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यहाँ की दीवारें, चित्रकारी, नक्काशी और स्थापत्य हमें भारत के स्वर्णिम अतीत से जोड़ती हैं।