कभी मिलती है लाश तो कभी इंसान गायब...जयपुर का एक ऐसा किला जहां आज भी मौजूद है रहस्यमयी 'खौफ', कइयों की मौत के बाद भी नहीं सुलझा राज
राजस्थान के दिल जयपुर में स्थित एक ऐसा किला, जो अपनी भव्यता से कम और रहस्यमयी घटनाओं से ज़्यादा चर्चा में रहा है — नाहरगढ़ किला। आमतौर पर किले शौर्य, सत्ता और इतिहास की कहानियाँ कहते हैं, लेकिन नाहरगढ़ की दीवारों के बीच गूँजती हैं डर और रहस्य की सिसकियाँ। कहते हैं कि इस किले में आज भी ऐसा कुछ है जो विज्ञान और तर्क से परे है। कभी मिलती लाशें, तो कभी गायब होते लोग... नाहरगढ़ का ये डरावना सच आज भी पूरी तरह सामने नहीं आ पाया है।
इतिहास से शुरू हुआ रहस्य
1734 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने इस किले का निर्माण करवाया था। किले का उद्देश्य जयपुर शहर की सुरक्षा करना था। लेकिन शुरुआत से ही इसके निर्माण में अजीब घटनाएँ सामने आने लगीं। कई श्रमिकों की अचानक मौत हो जाना, काम के बीच निर्माण रुकना, और दीवारों का अपने आप ढह जाना — ये सब बातें धीरे-धीरे 'रहस्य' का हिस्सा बन गईं।
लोककथाओं के अनुसार, नाहरगढ़ पहाड़ी पर नाहर सिंह भुमिया नामक आत्मा का वास था। ऐसा कहा जाता है कि बिना उसकी अनुमति के कोई निर्माण नहीं हो सकता था। जब बार-बार रुकावटें आईं, तो राजा ने विशेष अनुष्ठान करवा कर किले का नाम 'नाहरगढ़' रखा — ताकि आत्मा को शांत किया जा सके।
गायब होते लोग और मिलती लाशें
वर्षों से ऐसी कई घटनाएँ सामने आई हैं जब किले के पास अचानक से लाशें मिलीं। कुछ मामले तो ऐसे भी रहे जहां पर्यटक या स्थानीय लोग किले के भीतर जाने के बाद गायब हो गए और फिर उनका कोई सुराग नहीं मिला। कई बार उनके मोबाइल कैमरों में अजीब-गरीब तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड मिले हैं — जैसे कोई अदृश्य शक्ति उनके आसपास मंडरा रही हो।
इन घटनाओं के बाद नाहरगढ़ को रात के समय आम पब्लिक के लिए बंद कर दिया गया। लेकिन रोमांच के शौकीन कुछ लोग अब भी चोरी-छुपे रात में किले तक पहुँचने की कोशिश करते हैं — और कई बार वही लोग रहस्यमयी घटनाओं का शिकार बनते हैं।
वैज्ञानिक तर्क बनाम डरावनी कहानियाँ
वैज्ञानिकों का कहना है कि पुराने किलों में निर्माण शैली, कमजोर संरचना और विशेष मौसम परिस्थितियाँ मिलकर ऐसी आवाजें और घटनाएँ पैदा कर सकती हैं, जो भूतिया लगती हैं। वहीं दूसरी ओर, स्थानीय लोग और कई पर्यटक इन वैज्ञानिक तर्कों को नकारते हैं और अपने अनुभवों से डरावनी कहानियों को और भी मजबूत बनाते हैं।
अब भी कायम है खौफ
आज भी जब सूरज ढलता है और अंधेरा नाहरगढ़ की दीवारों पर उतरता है, तो स्थानीय लोग उस ओर जाने से कतराते हैं। हवाओं में अजीब सी सरसराहट, खुद-ब-खुद खुलते दरवाजे और अचानक ठंडी पड़ती हवा — सब कुछ मिलकर एक ऐसा माहौल बना देता है, जो दिल की धड़कनें तेज कर देता है।
कई मौतों और रहस्यमयी घटनाओं के बावजूद, नाहरगढ़ का रहस्य अब भी पूरी तरह सुलझ नहीं पाया है। यही खौफ और रहस्य इसे राजस्थान के सबसे चर्चित और रोमांचक स्थानों में से एक बनाता है।