बांसवाड़ा की खूबसूरती देख आपको आ जाएगी केरल की याद, वीडियो में जाने City of 100 Islands के बारे में दिलचस्प फैक्ट्स
राजस्थान को जब भी कोई याद करता है, तो आमतौर पर रेत के टीले, हवेलियां और गर्म हवाएं ही जेहन में आती हैं। लेकिन इसी राजस्थान के दक्षिण में एक ऐसा जिला भी है, जो इन धारणाओं को तोड़ता है – बांसवाड़ा, जिसे "सिटी ऑफ 100 आइलैंड्स" यानी ‘100 द्वीपों का शहर’ भी कहा जाता है।यह नाम सुनते ही मन में कहीं न कहीं एक विदेशी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की झलक आने लगती है, लेकिन ये जगह भारत के दिल राजस्थान में स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता, जल स्रोतों की भरमार, जनजातीय संस्कृति और इतिहास से भरी इस जगह को जानना और घूमना अपने-आप में एक अनुभव है।
क्या है 'City of 100 Islands' का रहस्य?
बांसवाड़ा को यह अनूठा नाम मिला है माही नदी और उस पर बने माही बांध (Mahi Bajaj Sagar Project) की वजह से। इस डैम के आसपास फैले जलाशयों में कई छोटे-बड़े द्वीप उभर आए हैं, जिनकी संख्या सौ के करीब मानी जाती है। जब पानी का स्तर ऊंचा होता है, तो ये द्वीप अलग-अलग टापुओं की तरह नजर आते हैं, और जब पानी कम होता है, तब ये एक-दूसरे से जुड़ते भी हैं।इन द्वीपों की सुंदरता इतनी लुभावनी है कि आप खुद को एकदम किसी फिल्मी दृश्य में महसूस करेंगे। शांत पानी, हरियाली से ढके टापू, और चारों ओर फैली पहाड़ियां – ये सब मिलकर बांसवाड़ा को 'राजस्थान का केरल' भी बना देते हैं।
प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर
बांसवाड़ा की प्राकृतिक सुंदरता सिर्फ द्वीपों तक सीमित नहीं है। यहां की झीलें – जैसे कागदी पिकनिक स्पॉट, वाणेश्वर डेम, और सिंगपुर डेम – पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहां का वातावरण बाकी राजस्थान से बिलकुल अलग है – नमी भरा मौसम, घनी हरियाली और पहाड़ी इलाका, जो मानसून में और भी सुंदर हो जाता है।
आदिवासी संस्कृति की अनूठी झलक
बांसवाड़ा एक प्रमुख भील बहुल क्षेत्र है। यहां की जनजातीय परंपराएं, नृत्य, वेशभूषा और मेलों में झलकती है एक सजीव लोक-संस्कृति। गवरी, रावण हत्ता, और तेरहताली जैसे लोकनृत्य यहां की आत्मा हैं। यहां का बांसवाड़ा दशहरा अपने भव्य रूप और परंपरागत रीतियों के लिए मशहूर है।
धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी कम नहीं
बांसवाड़ा में इतिहास और आस्था का भी समृद्ध संगम देखने को मिलता है। त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर, अब्दुल्ला पीर दरगाह, और मंडावरा महल जैसे स्थल श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। बांसवाड़ा का राजमहल अब भी शाही विरासत की कहानी कहता है।
कैसे पहुंचे बांसवाड़ा?
बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है और यह उदयपुर से करीब 165 किलोमीटर दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम (मध्यप्रदेश) है और सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भी उदयपुर में ही है। यहां रोड कनेक्टिविटी काफी अच्छी है और बस या निजी वाहन से यात्रा करना सुविधाजनक रहता है।
क्यों जाएं बांसवाड़ा?
अगर आप भीड़भाड़ से दूर एक शांत, प्राकृतिक और सांस्कृतिक यात्रा की तलाश में हैं, तो बांसवाड़ा आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां हर कदम पर आपको प्रकृति और परंपरा की छाया मिलेगी। खासकर मानसून के मौसम में यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं लगती।