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प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग है राजस्थान का जवाई बांध जहां हर साल पहुंचते हैं साइबेरिया-रूस जैसे देशों से विदेशी परिंदे, लीक्ड फुटेज में देखे अद्भुत नजारा

 

राजस्थान का पाली ज़िला न केवल अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां स्थित जवाई बांध (Jawai Dam) प्रकृति प्रेमियों और पक्षीप्रेमियों के लिए एक अनमोल खजाना है। यह बांध केवल पानी का भंडारण स्थल ही नहीं है, बल्कि इसे "प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग" (Paradise of Migratory Birds) भी कहा जाता है, और इसके पीछे कई खास कारण हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/DB1U_swAERc?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/DB1U_swAERc/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Jawai Dam, कब, कैसे, किसने, जवाई बांध के निर्माण की ऐतिहासिक कहानी, क्षेत्रफल, लम्बाई, चौड़ाई, गेट" width="695">
क्या है जवाई बांध?
जवाई बांध, पाली जिले के सुमेरपुर और शेरगढ़ के बीच स्थित है। यह बांध जवाई नदी पर वर्ष 1957 में बनाया गया था और अब यह न केवल सिंचाई और जलापूर्ति के लिए उपयोगी है, बल्कि एक महत्वपूर्ण जैव विविधता क्षेत्र बन चुका है। इसके आसपास का क्षेत्र अरण्य और चट्टानी इलाकों से घिरा हुआ है, जो इसे विशेष रूप से पक्षियों और जंगली जानवरों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।

क्यों कहा जाता है 'प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग'?
हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच, जब उत्तरी देशों में ठंड अपने चरम पर होती है, तब हजारों किलोमीटर दूर से विभिन्न प्रवासी पक्षी जवाई बांध की ओर रुख करते हैं। रूस, साइबेरिया, मंगोलिया, चीन और मध्य एशिया जैसे देशों से ये परिंदे हजारों मील की यात्रा करके यहां आते हैं। बांध का शांत जल, चारों ओर हरियाली और जैविक खाद्य स्रोत इन्हें एक आदर्श आवास प्रदान करते हैं।

यहां आने वाले प्रमुख प्रवासी पक्षियों में शामिल हैं:
ग्रेटर फ्लेमिंगो (Greater Flamingo)
सारस क्रेन (Sarus Crane)
बार-हेडेड गूज़ (Bar-headed Goose)
कॉमन टील
नॉर्दन शॉवेलर
पेंटेड स्टॉर्क
ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क
स्पूनबिल्स
किंगफिशर और हेरॉन्स

इन पक्षियों को खुले आसमान में कलाबाज़ियाँ खाते और जलक्रीड़ा करते देखना एक अत्यंत मनमोहक दृश्य होता है, जिसे देखने के लिए हर साल देश-विदेश से पर्यटक, पक्षीविज्ञानी और फोटोग्राफर यहां आते हैं।

जलवायु और वातावरण क्यों होता है अनुकूल?
जवाई बांध का भौगोलिक स्थान और प्राकृतिक बनावट पक्षियों के प्रवास के लिए बेहद अनुकूल है। यह इलाका न तो बहुत अधिक शुष्क है, न ही अत्यधिक आर्द्र। बांध का जल स्तर संतुलित रहता है और उसमें मछलियों की भरपूर उपलब्धता होती है जो मांसाहारी पक्षियों के लिए भोजन का स्रोत बनती है।

साथ ही, चट्टानी संरचनाएं, झाड़ियाँ, घास के मैदान और जलस्रोत मिलकर एक ऐसा प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करते हैं जहां पक्षी न केवल विश्राम कर सकते हैं, बल्कि अपने प्रजनन चक्र को भी पूरा कर सकते हैं।

पारिस्थितिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण
जवाई बांध का क्षेत्र जैव विविधता हॉटस्पॉट माना जाता है। यहां केवल पक्षी ही नहीं, बल्कि तेंदुए, लोमड़ी, भालू, सियार, भालू जैसे कई जंगली जानवर भी पाए जाते हैं। यह बांध क्षेत्र ‘जवाई लेपर्ड सफारी’ के लिए भी प्रसिद्ध है, जो इको-टूरिज्म को बढ़ावा देता है।

पक्षी पर्यटन (Bird Tourism) के लिहाज से यह स्थान बहुत तेज़ी से उभर रहा है। कई स्थानीय गाइड और गांववासी अब टूरिज्म से जुड़े हुए हैं, जिससे उन्हें रोज़गार मिल रहा है और क्षेत्रीय विकास भी हो रहा है।

संरक्षण की आवश्यकता
हालांकि, जलवायु परिवर्तन, मानवीय हस्तक्षेप और बढ़ते पर्यटन के कारण इस क्षेत्र की प्राकृतिक संतुलन पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जैव विविधता की रक्षा करनी है तो स्थायी विकास और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देना आवश्यक है। सरकार और वन विभाग की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं जैसे कि निगरानी व्यवस्था, अवैध शिकार पर रोक और पर्यावरण जागरूकता अभियान।

जवाई बांध आज केवल राजस्थान का जल स्रोत नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक विरासत है जो पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास, शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन केंद्र और पर्यटकों के लिए स्वर्ग बन चुका है। यहां आने वाले प्रवासी पक्षी न केवल पर्यावरण की सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि यह संदेश भी देते हैं कि प्रकृति को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि हम इसे सहेज कर रखें, तो यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही अद्भुत और जीवनदायक बना रहेगा।