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इतिहास से आगे भी है कुम्भलगढ़! वायरल डॉक्यूमेंट्री में जानिए क्यों वाइल्डलाइफ सेंचुरी बन रही है पर्यटकों की पहली पसंद ? 

 

राजस्थान के राजसमंद जिले की पहाड़ियों में बसा कुम्भलगढ़ केवल ऐतिहासिक किले और राजसी वैभव के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां स्थित कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी (Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary) भी अपने आप में एक अनोखा और रोमांचकारी अनुभव है। अगर आप कुम्भलगढ़ किले की भव्यता देखने आ रहे हैं तो वाइल्डलाइफ सेंचुरी को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें। यह स्थान उन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं जो प्रकृति, वन्यजीव और शांति को एक साथ महसूस करना चाहते हैं।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/9q96J9zLiqo?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/9q96J9zLiqo/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="कुम्भलगढ़ किले का इतिहास, कब और किसने बनवाया, क्षेत्रफल, लम्बाई, चौड़ाई, दुर्ग की विशेषताएं" width="695">
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी का परिचय
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी अरावली पर्वत श्रृंखला के विस्तार में फैली हुई है और इसका क्षेत्रफल लगभग 610 वर्ग किलोमीटर है। यह सेंचुरी 1971 में स्थापित की गई थी और यह राजस्थान के तीन जिलों – राजसमंद, उदयपुर और पाली – में फैली हुई है। यह सेंचुरी घने जंगलों, हरे-भरे पेड़ों और ऊंची-नीची पहाड़ियों से घिरी हुई है जो इसे एकदम प्राकृतिक और मनोहारी बनाती है।

वन्यजीवों की विविधता
यहां आपको कई तरह के वन्यजीव देखने को मिलते हैं, जिनमें मुख्य हैं – तेंदुआ, भेड़िया, सांभर, नीलगाय, चौसिंघा, चीतल, भालू और जंगली सूअर। इसके अलावा यहां पक्षियों की भी कई दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं, जैसे ग्रे जंगल फाउल, व्हाइट ब्रस्टेड किंगफिशर, गोल्डन ओरिओल और पीकॉक। यह स्थान पक्षी प्रेमियों और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स के लिए किसी सपने से कम नहीं।

रोमांच से भरपूर जंगल सफारी
सेंचुरी में जीप सफारी का आनंद लेना एक यादगार अनुभव होता है। यदि आप रोमांच के शौकीन हैं तो आप सुबह या शाम की जंगल सफारी में भाग ले सकते हैं। सफारी के दौरान आप जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में खुले में विचरण करते देख सकते हैं। यह अनुभव आपको प्रकृति के और भी करीब ले आता है।

ट्रैकिंग और नेचर वॉक का आनंद
अगर आप साहसी गतिविधियों के शौकीन हैं तो कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी में ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। यहां कई ट्रैकिंग रूट उपलब्ध हैं, जो घने जंगलों और छोटी-बड़ी पहाड़ियों से होकर गुजरते हैं। नेचर वॉक करते हुए आप न केवल हरियाली का आनंद ले सकते हैं, बल्कि प्रकृति की विविधताओं को भी नजदीक से महसूस कर सकते हैं।

क्या आप जानते हैं?
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी वही क्षेत्र है जहाँ राजा महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था।
सेंचुरी में स्थित केवड़ा और थंडी बेर जैसे स्थल प्राकृतिक झरनों और हरियाली के लिए प्रसिद्ध हैं।
यहां बिजली और इंटरनेट की सीमित उपलब्धता होने के कारण यह स्थान आज की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए उत्तम है।

आने का सही समय
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुहावना और ठंडा रहता है। इस समय आप अधिकतर वन्यजीवों को खुले में देख सकते हैं और सफारी का भी भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

कैसे पहुंचे कुम्भलगढ़?
कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी राजसमंद जिले में स्थित है और उदयपुर से लगभग 85 किलोमीटर दूर है। उदयपुर नजदीकी हवाई अड्डा है और वहां से टैक्सी या बस के जरिए कुम्भलगढ़ पहुंचा जा सकता है। नजदीकी रेलवे स्टेशन भी उदयपुर ही है।

ठहरने की सुविधा
सेंचुरी के पास कई अच्छे होटल, रिसॉर्ट्स और होमस्टे उपलब्ध हैं, जहां से आप जंगल के नजदीक रहते हुए प्रकृति का अनुभव ले सकते हैं। कई रिसॉर्ट्स जंगल सफारी और गाइडेड ट्रैकिंग की सुविधाएं भी देते हैं।