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झालाना लेपर्ड सफारी! जानिए क्यों वाइल्डलाइफ लवर्स की पहली पसंद बन चुकी ये जगह, वीडियो में खासियत जान आप भी निकल पड़ेंगे घूमने 

 

जयपुर, जिसे आमतौर पर 'गुलाबी शहर' के नाम से जाना जाता है, अब केवल अपने महलों, किलों और हवेलियों के लिए ही नहीं बल्कि वाइल्डलाइफ प्रेमियों के लिए भी एक खास आकर्षण बन चुका है। इसका सबसे शानदार उदाहरण है – झालाना लेपर्ड सफारी। शहर के बीचोबीच स्थित यह शहरी जंगल रोमांच, जैव विविधता और शांति का अद्भुत मेल है। यदि आप शेर की दहाड़ नहीं, लेकिन चुपचाप झाड़ियों में टहलते तेंदुए को देखना चाहते हैं, तो झालाना आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/v7Hui1nyo90?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/v7Hui1nyo90/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="दुनिया की सबसे अनोखी झालाना लेपर्ड सफारी जयपुर जहां 40 लाख की आबादी के बीच खुले घूमते है 45 लेपर्ड्स" width="1250">
शहरी जंगल में वन्यजीवन का अद्भुत संसार
झालाना लेपर्ड सफारी जयपुर शहर के भीतर ही मौजूद है, जो कि विश्व स्तर पर शहरी तेंदुए के निवास स्थान के रूप में पहचानी जाती है। यह सफारी क्षेत्र लगभग 23 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहाँ वन्यजीवों का एक समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र मौजूद है। इसका प्रमुख आकर्षण है – लेपर्ड यानी तेंदुआ, जिसे यहाँ दिन में भी खुलेआम देखा जा सकता है। यह स्थान खास इसलिए है क्योंकि अधिकांश वाइल्ड सफारी में तेंदुए को देखना काफी मुश्किल होता है, लेकिन झालाना में यह अनुभव आम बात बन चुका है।

इतिहास और विकास
पहले यह क्षेत्र शिकारगाह के रूप में उपयोग किया जाता था, लेकिन वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इसे 2017 में आधिकारिक रूप से सफारी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया। इसके बाद से झालाना न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच भी लोकप्रिय हो चुका है।

क्या-क्या देखने को मिलता है?
हालांकि इस सफारी का सबसे बड़ा आकर्षण तेंदुआ ही है, लेकिन इसके अलावा भी यहाँ देखने को बहुत कुछ है। यहाँ स्ट्राइप्ड हायना (लकड़बग्घा), नीलगाय, सांभर, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, सियार, मॉनिटर लिज़र्ड, और कई प्रजातियों के पक्षी भी देखे जा सकते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए झालाना किसी स्वर्ग से कम नहीं है, क्योंकि यहाँ 150 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

दो शिफ्टों में होती है सफारी
झालाना लेपर्ड सफारी दो टाइम स्लॉट्स में आयोजित की जाती है – सुबह और शाम।
सुबह की सफारी: 6:00 AM से 9:00 AM तक
शाम की सफारी: 3:30 PM से 6:30 PM तक

इन समयों में तेंदुए के दिखाई देने की संभावना अधिक होती है क्योंकि यह शिकार का सबसे सक्रिय समय होता है। सफारी के दौरान एक अनुभवी गाइड और ड्राइवर के साथ खुली जीप में जंगल की गहराई का रोमांच उठाया जा सकता है।

कैसे पहुँचे झालाना?
झालाना सफारी, जयपुर के मुख्य इलाके से लगभग 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरपोर्ट रोड के पास स्थित है और आसानी से कैब, ऑटो या निजी वाहन द्वारा पहुँचा जा सकता है। जयपुर रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से भी इसकी दूरी करीब 20-30 मिनट की है।

टिकट और बुकिंग
राजस्थान सरकार की ईको-टूरिज्म वेबसाइट के जरिए आप सफारी की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। टिकट का मूल्य भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग निर्धारित है। सप्ताहांत और छुट्टियों के दौरान अग्रिम बुकिंग कर लेना बेहतर रहता है क्योंकि इस समय यहाँ भारी भीड़ हो सकती है।

क्या रखें ध्यान में?
सफारी के दौरान शांत रहें और वन्यजीवों को न छेड़ें।
कैमरा और दूरबीन जरूर साथ रखें, खासकर बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए।
कपड़े हल्के और मौसम के अनुसार पहनें।
जीप में बैठते समय सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
प्लास्टिक और कूड़ा जंगल में न फेंके, सफाई बनाए रखें।

झालाना क्यों है खास?
झालाना लेपर्ड सफारी खास इसलिए है क्योंकि यह भारत के चुनिंदा स्थानों में से एक है जहाँ तेंदुए शहरी सीमा के इतने करीब रहते हैं। आमतौर पर जंगली जानवर इंसानी आबादी से दूर रहते हैं, लेकिन यहाँ इंसान और वन्यजीवन का सहअस्तित्व देखने को मिलता है। यही इसे अन्य वाइल्ड सफारी से अलग बनाता है।