Udaipur का 400 साल पुराना महल कैसे बना इतिहास प्रेमियों और फिल्ममेकर्स की पहली पसंद, वीडियो में जानिए इसकी ऐतिहासिक खासियतें
राजस्थान की धरती पर बसा उदयपुर न केवल अपनी झीलों और शाही संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां स्थित सिटी पैलेस (City Palace) उस गौरवशाली विरासत का प्रतीक है जिसने इस शहर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक विशेष पहचान दी है। 400 साल पुराना यह राजमहल आज भी उतना ही भव्य और आकर्षक है, जितना यह अपने निर्माणकाल में रहा होगा। इतिहास प्रेमियों से लेकर पर्यटक और फिल्ममेकर्स तक—हर कोई इस शाही धरोहर की भव्यता और अनूठी वास्तुकला से सम्मोहित हो जाता है।
महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने रखी थी नींव
सिटी पैलेस का निर्माण कार्य 1559 ई. में महाराणा उदय सिंह द्वितीय द्वारा आरंभ किया गया था। यह वह समय था जब उदयपुर को मेवाड़ की नई राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा था। इस महल का निर्माण राजसी शान और सांस्कृतिक गरिमा को दर्शाने के लिए किया गया था, और इसमें समय-समय पर विभिन्न शासकों ने अपने-अपने योगदान से इसे और अधिक भव्य बनाया।
राजस्थानी और मुगल शैली का अद्भुत संगम
सिटी पैलेस की वास्तुकला राजस्थानी और मुगल स्थापत्य कला का शानदार मिश्रण है। महल संगमरमर और ग्रेनाइट से बना हुआ है, और इसके बुर्ज, बालकनियाँ, विशाल दरवाजे और जटिल नक्काशी आज भी इतिहास की सजीव झलक प्रस्तुत करते हैं। इसके अंदर स्थित मोती महल, शीश महल, कृष्णा विलास और दर्शन महल जैसे खंड इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
झील पिचोला के किनारे स्थित यह महल बना है प्रमुख आकर्षण
सिटी पैलेस झील पिचोला के किनारे स्थित है, जिससे इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। महल से झील का दृश्य बेहद मनमोहक लगता है, विशेषकर सूरज ढलने के समय। पर्यटक यहां घंटों बैठकर इस अद्भुत संगम का आनंद लेते हैं। झील के बीच स्थित जग मंदिर और लेक पैलेस भी महल से स्पष्ट दिखाई देते हैं, जो इस स्थान की दृश्यात्मक सुंदरता को नई ऊँचाई पर ले जाते हैं।
फिल्ममेकर्स की पहली पसंद
इतिहास और सौंदर्य के इस अद्वितीय मेल के कारण बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक कई फिल्ममेकर्स ने इस स्थान को अपने दृश्यों में अमर किया है। संजय लीला भंसाली की फिल्म "गोलियों की रासलीला: रामलीला" और "यात्रा" जैसी फिल्मों की शूटिंग यहीं हुई थी। विदेशी फिल्मों और डॉक्युमेंट्रीज़ में भी सिटी पैलेस को गौरवपूर्ण रूप में दिखाया गया है।
संग्रहालय और राजसी जीवन की झलक
महल के एक भाग को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है, जहाँ पर्यटक मेवाड़ राजवंश की धरोहर, पोशाकें, अस्त्र-शस्त्र, चित्रकला और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं देख सकते हैं। यह संग्रहालय न केवल सिटी पैलेस की भव्यता को दर्शाता है, बल्कि एक ऐसे युग की झलक भी देता है जहां रजवाड़ों का वैभव और संस्कृति अपने चरम पर थी।
विदेशी पर्यटकों में भी है खास लोकप्रियता
सिटी पैलेस न केवल भारतीय पर्यटकों, बल्कि विदेशी सैलानियों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। यूरोप, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया से हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं। इसकी वास्तुकला, इतिहास और झीलों का रोमांस उन्हें बार-बार खींच लाता है।
विवाह और रॉयल इवेंट्स के लिए भी फेवरेट
आज के दौर में सिटी पैलेस रॉयल वेडिंग्स और प्राइवेट इवेंट्स के लिए भी एक प्रीमियम लोकेशन बन गया है। कई नामी-गिरामी हस्तियों और बिजनेस फैमिलीज़ ने यहां अपनी शादियों का आयोजन किया है। इसके राजसी माहौल और शानदार लोकेशन के चलते यह डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए बेहद लोकप्रिय बन चुका है।
विरासत की जीवंत मिसाल
सिटी पैलेस सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण है। यह वह स्थान है जहाँ अतीत की कहानियाँ दीवारों में गूंजती हैं और वर्तमान में भी उतनी ही प्रभावशाली प्रतीत होती हैं।