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वायरल डॉक्यूमेंट्री में जाने रणथंभौर किले का 800 साल पुराना और 7 अननोन फैक्ट्स, जो पर्यटकों को खींच लाते है यहां 

 

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों के संगम पर स्थित रणथम्भौर किला इतिहास, शौर्य और प्रकृति का अद्भुत संगम है। यह किला न सिर्फ अपनी स्थापत्य कला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि रणथम्भौर नेशनल पार्क और बाघों की नगरी के रूप में भी लोगों के दिलों में खास जगह बना चुका है। 800 से अधिक साल पुराने इस किले की दीवारें आज भी उन कहानियों की गवाह हैं, जिनमें वीरता, युद्ध, बलिदान और संस्कृति के रंग शामिल हैं।


इतिहास की परतों में छिपा रणथम्भौर
रणथम्भौर किले का निर्माण 10वीं सदी में चौहानों द्वारा कराया गया था। ऐसा माना जाता है कि इस किले की नींव राजा साबिर सिंह चौहान ने रखी थी। बाद में यह किला चौहानों के शक्तिशाली राजा हम्मीर देव चौहान के अधीन रहा, जिन्होंने इसे दुश्मनों से बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े। किले का नाम "रण" (युद्ध) और "थम्भ" (स्तंभ) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है — युद्ध का स्तंभ या युद्ध का अडिग केंद्र। यह किला वास्तव में कई युद्धों और आक्रमणों का केंद्र रहा है, खासकर दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों और राजपूतों के बीच।1299 में अलाउद्दीन खिलजी ने इस किले पर चढ़ाई की थी और काफी संघर्ष के बाद इसे जीतने में कामयाब रहा। इसके बाद यह किला कई बार मुस्लिम और हिंदू शासकों के अधीन आता-जाता रहा। मुगलों के दौर में भी इस किले का सैन्य महत्त्व बना रहा, लेकिन धीरे-धीरे यह एक संरक्षित क्षेत्र बन गया।

स्थापत्य और संरचना
रणथम्भौर किला समुद्र तल से लगभग 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और चारों ओर से ऊँची दीवारों और मजबूत बुर्जों से घिरा हुआ है। किले के अंदर कई प्राचीन मंदिर, जैन तीर्थ स्थल, महलों के अवशेष, जलाशय और दरवाजे हैं जो इसकी भव्यता की गवाही देते हैं।किले के अंदर स्थित गणेश मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालु भगवान गणेश को पत्र भेजते हैं, जिन्हें वहां डाक द्वारा लाया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
रणथम्भौर किला न सिर्फ इतिहास के प्रेमियों के लिए बल्कि फोटोग्राफरों, प्रकृति प्रेमियों और तीर्थयात्रियों के लिए भी बेहद खास है। किला रणथम्भौर नेशनल पार्क के भीतर स्थित है, जहां बाघ, तेंदुए, हिरण, मगरमच्छ और कई पक्षी प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। जब आप किले की ऊँचाई से जंगल का नज़ारा देखते हैं, तो एक अलौकिक अनुभव होता है।यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अद्भुत होता है, जो हर पर्यटक की यात्रा को यादगार बना देता है। वहीं, किले की ऊँची प्राचीरों से जब कोई नीचे फैले जंगल को निहारता है, तो वह इतिहास और प्रकृति के संगम को एकसाथ महसूस कर सकता है।

रणथम्भौर किले से जुड़े अननोन फैक्ट्स
UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट: रणथम्भौर किला साल 2013 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हुआ। यह भारत के छह ‘हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान’ में से एक है।
हम्मीर महल की गाथा: हम्मीर देव चौहान के शासनकाल की कई वीरगाथाएं इस किले की दीवारों में दर्ज हैं। ऐसा कहा जाता है कि हम्मीर ने कभी युद्ध में हार नहीं मानी थी।
गणेश मंदिर में चिट्ठियों की परंपरा: यहां स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में आज भी श्रद्धालु चिट्ठियों के माध्यम से अपनी मनोकामनाएं भेजते हैं — यह भारत में अपने प्रकार का एकमात्र मंदिर है।
जैन तीर्थ स्थल: किले के भीतर स्थित जैन मंदिरों में भगवान सुमतिनाथ और भगवान समवसरण की मूर्तियाँ हैं, जो प्राचीन जैन स्थापत्य का सुंदर उदाहरण हैं।
गुप्त सुरंगें और मार्ग: ऐसा माना जाता है कि किले में गुप्त रास्ते और सुरंगें थीं, जिनका उपयोग युद्ध के समय शत्रुओं से बचने और रणनीतिक रूप से निकलने के लिए किया जाता था। हालांकि इनमें से कई अब बंद हो चुके हैं।
राजस्थानी वास्तुकला का प्रतीक: किले के दरवाजों, खिड़कियों, मेहराबों और शिलालेखों पर बारीक नक्काशी और राजस्थानी शैली के उत्कृष्ट नमूने देखे जा सकते हैं।
रनथम्भौर जौहर स्थल: इतिहासकारों के अनुसार इस किले में एक जौहर स्थल भी रहा है, जहां राजपूत महिलाओं ने युद्ध में हार की आशंका पर अपनी इज्जत की रक्षा के लिए सामूहिक आत्मदाह किया था।

आज रणथम्भौर किला पर्यटन, वन्यजीवन और संस्कृति का संगम बन चुका है। यह हर साल हजारों देसी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। रणथम्भौर का किला सिर्फ पत्थरों की दीवारों का ढांचा नहीं, बल्कि यह एक जीवंत इतिहास है, जहां हर कोना कोई कहानी कहता है।अगर आप राजस्थान की शान, वीरता और विरासत को नजदीक से महसूस करना चाहते हैं, तो रणथम्भौर किला एक बार अवश्य जाएं – यहां की हवाओं में इतिहास गूंजता है और किले की चुप्पी में बसी हैं सदियों पुरानी कहानियाँ।