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General Arun Kumar Shridhar Vaidya Death Anniversary वीडियो में देखें देश के ऐसे सच्चे हीरों की कहानी जिन्होंने 1971 में पाकिस्तानी सेना को कर दिया था घुटनों पर आने को मजबूर

 

जनरल अरुण कुमार श्रीधर वैद्य (अंग्रेज़ी: General Arun Kumar Shridhar Vaidya, जन्म- 27 जनवरी, 1926; हत्या- 10 अगस्त, 1986) भारतीय सेना के 13वें थल सेनाध्यक्ष थे। वर्ष 1986 में पुणे में हरजिंदर और सुखदेव ने जनरल अरुण श्रीधर वैद्य की हत्या कर दी थी। बाद में वर्ष 1992 में इन दोनों हत्यारों को फांसी की सजा दी गई।

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27 जनवरी, 1926 को जन्मे जनरल अरुण श्रीधर वैद्य ने 1945 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया था।
1965 में इंडो-पाक युद्ध के दौरान खेमकरण सेक्टर में बतौर बख्तरबंद रेजिमेंट में कमांडेंट के पद पर तैनात रहे जनरल अरुण श्रीधर वैद्य ने अपनी सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए पाकिस्तान की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को हार की ओर धकेलने के कारण उनकी निडरता और कुशल नेतृत्व क्षमता के लिए भारतीय सेना ने इन्हें 'महावीर चक्र' देकर सम्मानित किया था।
भारतीय सेना में असाधारण सेवा के लिए जनरल अरुण श्रीधर वैद्य को सन 1983 में प्रतिष्ठित 'परम विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किया गया और इसी साल उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख या चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में पदभार संभाला।
1985 तक वह भारतीय सेना प्रमुख बने रहे।
जनरल अरुण श्रीधर वैद्य को भारतीय सेना के जांबाज सोल्जर के रूप में जाना जाता है।
वह 1 अगस्त, 1983 से 31 जनवरी, 1986 तक सेनाध्यक्ष रहे और अपने इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय सेना को बुलंदियों की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को आतंकियों के कब्जे से बचाने के लिए सैन्य 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' जनरल अरुण श्रीधर वैद्य के सेनाध्यक्ष रहते हुए ही चलाया गया था।