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Sudhish Pachauri Birthday प्रसिद्व साहित्यकर सुधीश पचौरी के जन्मदिन पर जानें इनके बारे में कुछ अनसुने किस्से

 

वह एक प्रसिद्ध टिप्पणीकार और प्रमुख मीडिया विश्लेषक हैं। लेखक, स्तंभकार और वरिष्ठ मीडिया टिप्पणीकार सुदीश पचौरी को 2010 में 'हिंदी सलाहकार समिति' का सदस्य बनाया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर पचौरी को दिल्ली विश्वविद्यालय में 'डीन ऑफ कॉलेज' भी बनाया गया है। दैनिक हिन्दी समाचार पत्र 'जनसत्ता' में पचौरी का स्तम्भ 'देखी-सुनी' 25 वर्षों से अधिक समय से लगातार प्रकाशित हो रहा है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। यह स्तम्भ 1984 से लगातार चल रहा है और 26वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पचौरी को साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं।[1]

शिक्षा

आपने एम.ए. किया है. हिन्दी एवं पीएच.डी. दिल्ली विश्वविद्यालय से.

कार्य क्षेत्र

हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 1967 में 'केंद्रीय हिंदी समिति' का गठन किया गया, जिसके पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते थे। संबंधित विभाग के मंत्री की अध्यक्षता में 'केंद्रीय हिंदी समिति' के मार्गदर्शन में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में 'हिंदी सलाहकार समितियाँ' भी गठित की जाती हैं। सुदीश पचौरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी में 'डीन ऑफ कॉलेज' भी बनाया गया है. इस नियुक्ति के साथ, पचौरी विश्वविद्यालय के इतिहास में हिंदी विभाग से यह पद संभालने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।

पुरस्कार

उन्हें 'मध्य प्रदेश साहित्य परिषद' से रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार और दिल्ली हिंदी अकादमी से साहित्य पुरस्कार भी मिल चुका है।