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Rajendra Nath Death Anniversary हिंदी सिनेमा के हास्य कलाकार राजेंद्र नाथ की पुण्यतिथि पर जानें इनका जीवन परिचय

 

मनोरंजन न्यूज डेस्क !!! राजेंद्र नाथ (अंग्रेज़ी: Rajendra Nath, जन्म: 1931, पेशावर; मृत्यु: 13 फ़रवरी, 2008, मुंबई) हिंदी फ़िल्मों के हास्य कलाकार थे। उन्होंने पंजाबी, भोजपुरी और दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में भी काम किया था। राजेंद्र नाथ ने 1961 में बनी फ़िल्म 'जब प्यार किसी से होता है' में पोपट लाल का किरदार निभाया था। वह किरदार इतना हिट हुआ कि लोग उन्हें राजेंद्र नाथ की जगह पोपट लाल के नाम से भी याद करने लगे थे। उन्होंने 175 से अधिक फ़िल्मों में काम किया।

परिचय

राजेंद्र नाथ का जन्म 1931, पेशावर, ब्रिटिश भारत (अब खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान) में हुआ था। उनका परिवार पेशावर का रहने वाला था। आजादी से पहले उनके पिता मध्य प्रदेश की रीवा स्टेट में पुलिस आधिकारी होकर आए और आई.जी के रूप में रिटायर हुए। राजेंद्र नाथ के सात भाई और चार बहने थीं। पिता के रिटायर होने के बाद उनका परिवार जबलपुर आ गया। पृथ्वीराज कपूर से उनके परिवार के बेहद घनिष्ट संबंध थे। यहां तक की राजकपूर से राजेंद्र नाथ की बहन कृष्णा की शादी भी हुई। 1969 में उन्होंने गुलशन कृपलानी से शादी कर ली। उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है।

कॅरियर
 

राजेंद्र नाथ के बड़े भाई प्रेमनाथ को जब पृथ्वी थियेटर में काम मिल गया। तब उन्होंने राजेंद्र नाथ को अपने पास बुला लिया। राजेंद्र भी पृथ्वी थियेटर से जुड़ गए, लेकिन वो अपने भविष्य को लेकर गंभीर नहीं थे क्योंकि रहने खाने का इंतजाम उनके भाई प्रेमनाथ के करते थे। एक दिन प्रेमनाथ ने उन्हें सख़्त चेतावनी दी कि वे अपने कॅरियर को लेकर गंभीर हो जाएं और अपने खर्चे खुद उठाएं। प्रेमनाथ के इस रवैये ने राजेंद्र नाथ को अचानक गंभीर बना दिया और उन्होंने फ़िल्मों में काम खोजने के लिये भाग दौड़ शुरू की।

मुख्य फिल्में

राजेंद्र नाथ ने सबसे अधिक प्रभावशाली रोल अपने गहरे दोस्त शम्मी कपूर के साथ किये। 'जानवर', 'जवां मोहबब्त', 'तुम हसीं मैं जवां', जैसी कई फ़िल्में राजेंद्र नाथ के कॅरियर में मील का पत्थर साबित हुईं। शम्मी से उनकी दोस्ती पृथ्वी थियेटर में काम करने के दौर में हुई और आखिर तक कायम रही। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म 'दिल देके देखो', 'फिर वहीं दिल लाया हूँ', 'जब प्यार किसी से होता है', 'शरारत', 'पूरब और पश्चिम', 'मुझे जीने दो', 'जीवन-मृत्यु', 'बेखुदी', 'जमाने को दिखाना है', 'प्रेम रोग' आदि।

निधन

एक बेटी और एक बेटे के बाप राजेंद्र नाथ कई साल से अपना ज़्यादातर समय घर पर ही बिता रहे थे। कुछ समय से उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी थी। जिससे उनका 13 फ़रवरी, 2008 को मुंबई में निधन हो गया।