जानिए कौन है बंगाल TMC के Shahjahan Sheikh ? 55 दिन से फरार आरोपी के पास हैं 17 कारें और 43 बीघा जमीन
पश्चिम बंगाल न्यूज डेस्क !!! संदेशखाली का बेटा शाहजहां शेख आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया. वह एक समय वामपंथी पार्टी से जुड़े थे और फिर पश्चिम बंगाल में सरकार बदलने पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। सत्ता के सुदृढ़ीकरण के साथ शाहजहाँ ने बांग्लादेश से सटे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति स्थापित की। शाहजहां शेख के पास कितनी संपत्ति है, इसके बारे में तो वे कुछ नहीं कह सकते, लेकिन पंचायत चुनाव में उन्होंने कारोबार से अपनी सालाना आय 20 लाख रुपये बताई है. इसके अलावा 17 कारें, 43 बीघे जमीन, 2 करोड़ रुपये की जूलरी और 2 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस दिखाया गया था। कौन हैं शाहजहां शेख: पश्चिम बंगाल का संदेश इस बार सुर्खियों में है. शाहजहां शेख समेत तीन स्थानीय नेताओं पर स्थानीय महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है.
इसके अलावा केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की एक टीम पर उनके समर्थकों ने हमला किया था जिसके बाद शाहजहां शेख के सहयोगी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, शाहजहां का पता नहीं चल सका और अब आज 29 फरवरी यानी ईडी पर हमले के 55 दिन बाद शाहजहां को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि महिलाओं पर यौन उत्पीड़न और संदेशखाली में जमीन हड़पने के मुख्य आरोपी शाहजहाँ शेख को ईडी, सीबीआई या पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है। शाहजहां, शिबू और उत्तम का संबंध ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से है.
शाहजहाँ शेख के बारे में
बांग्लादेश से सटे इलाके संदेशखाली में स्थानीय लोग शाहजहां शेख को बेताज बादशाह कहते हैं। यह उत्तर 24 परगना क्षेत्र में है. अब वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं लेकिन उससे पहले जब बंगाल में लेफ्ट की सरकार थी तो वह लेफ्ट पार्टी से जुड़े थे। शाहजहाँ 2004 में अपने चाचा और स्थानीय सीपीआई-एम नेता मुस्लिम शेख की मदद से सीपीआई (एम) में शामिल हो गए। सत्ता का संरक्षण मिलते ही वह बेलगाम हो गये। उनका काम मछली पकड़ना था और इसके लिए उन्होंने यहां के लोगों के खेतों और जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।
2011 में बंगाल में 34 साल बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य में सरकार बनाई। इस पर शाहजहां का भी मन बदल गया और 2012 में वह टीएमसी में शामिल हो गए। शिबू हाजरा और उत्तम सरदार, जो शाहजहाँ के करीबी थे, उसके नाम पर धन उगाही करने लगे। शाहजहां की संपत्ति के बारे में निश्चित तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन पंचायत चुनाव में उन्होंने कारोबार से अपनी सालाना आय 20 लाख रुपये बताई थी. इसके अलावा 17 कारें, 43 बीघे जमीन, 2 करोड़ रुपये की जूलरी और 2 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस दिखाया गया था।
के आया आगे जेल शिकायत में
पिछले महीने 5 जनवरी को शाहजहां के ठिकानों पर राशन घोटाले से जुड़े सर्च ऑपरेशन के दौरान उनके समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई ईडी अधिकारी घायल हो गए थे. इस हमले के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की और शाहजहां शेख के साथी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को पकड़ लिया गया लेकिन शाहजहां शेख भाग निकला. शाहजहां शेख का मामला तब सुर्खियों में आया जब 8 फरवरी को स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके गुर्गों पर यौन शोषण का आरोप लगाया. 9 फरवरी को उन्होंने शिबू में तीन पोल्ट्री फार्म भी जला दिए. महिलाओं के दावे के मुताबिक ये फार्म गांव वालों से ली गई जमीन पर बनाए गए थे. कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि शाहजहां शेख को सीबीआई, ईडी और पश्चिम बंगाल पुलिस में से कोई भी गिरफ्तार कर सकता है। अब आज वह बंगाल पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं.