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Bengal Election 2021: बंगाल में गठबंधन से क्या ममता दीदी को होगा नुकसान….

 

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन सभी चुनावों के परिणाम 2 मई को आएंगे। पश्चिम बंगाल में बीजेपी से उनकी सीधी टक्कर होने वाली है। बंगाल चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 291 उम्मीदवारों की सूची जारी की। टीएमसी की लिस्ट में 100 ऐसे चेहरे शामिल हैं जिन्हें पहली बार चुनाव में मौका दिया है ।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बंगाल में 27 फीसदी मुस्लिम आबादी है। ममता बनर्जी को मुस्लिम आबादी के 23 फीसदी तक वोट मिलते रहे हैं।  लेकिन इस बार अब्बास सिद्दकी के कारण एक-दो फीसदी वोट कम हुए तो 21 फीसदी वोट ही मिल पाएंगे। हालांकि, इतने ही हिंदू वोट भी मिलने की संभावना है। 45 फीसदी वोट शेयर के साथ वो सरकार बनाने की स्थिति में होंगी। इससे पहले ममता दीदी कह चुकी हैं कि फुरफुरा शरीफ का सिर्फ एक शख्स उनके खिलाफ है बाकी वरिष्ठ नेता उनके साथ हैं।

आवैसी का कोई असर जमीन पर अभी नजर नहीं आ रहा। उनकी अभी तक एक भी सभा यहां नहीं हुई है। बिहार चुनाव में सीमांचल क्षेत्र की 5 सीटों पर जीत हासिंल करने बाद बंगाल में भी ओवैसी की पार्टी की एंट्री से ममता के वोटों पर भले ही असर पड़ता दिख रहा है लेकिन बीजेपी को इससे फायदा हो सकता है। कांग्रेस ने अब्बास सिद्दकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट से दूरी बनाकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस का कहना है कि न ही हम ISF के लिए वोट मांगेगे और न ही वो हमारे लिए वोट की अपील करेंगे।