उत्तराखंड में गुरु गोविंद सिंह जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित, 27 दिसंबर को स्कूल और दफ्तर रहेंगे बंद
उत्तराखंड सरकार ने सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार 27 दिसंबर, शनिवार को पूरे राज्य में सभी सरकारी दफ्तर, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। अवकाश को लेकर विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं, जिससे आम लोगों और कर्मचारियों में स्पष्टता आ गई है।
राज्य सरकार के आदेश में कहा गया है कि गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर यह अवकाश प्रदेशभर में लागू रहेगा। इसके तहत सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि, आवश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य, पुलिस, बिजली-पानी और आपातकालीन सेवाएं पूर्व की तरह सुचारू रूप से संचालित होती रहेंगी।
गौरतलब है कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें गुरु थे और उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर समाज में समानता, साहस और बलिदान की मिसाल पेश की थी। उनकी जयंती सिख समाज के लिए विशेष महत्व रखती है। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग निवास करते हैं, खासकर देहरादून, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जैसे जिलों में। ऐसे में सरकार के इस फैसले को सामाजिक सौहार्द और धार्मिक सम्मान के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदेश के सिख संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि गुरु गोविंद सिंह जी के योगदान को सम्मान देने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है। कई संगठनों ने बताया कि जयंती के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न गुरुद्वारों में विशेष दीवान, कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाएगा।
वहीं, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने भी अवकाश को लेकर संबंधित अधिकारियों और संस्थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूल प्रबंधन को छात्रों और अभिभावकों को समय रहते जानकारी देने के लिए कहा गया है, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो। कई निजी स्कूलों ने भी सरकार के अवकाश आदेश का पालन करने की बात कही है।
प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन विभागों में पहले से परीक्षाएं या आवश्यक कार्य निर्धारित हैं, वहां संबंधित विभागाध्यक्ष स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर सभी सरकारी कार्य 27 दिसंबर को स्थगित रहेंगे और 28 दिसंबर से फिर नियमित रूप से शुरू होंगे।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी इस अवकाश को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। नेताओं का कहना है कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन और संदेश आज भी समाज को एकजुट करने की प्रेरणा देता है और उनके सम्मान में घोषित अवकाश धार्मिक विविधता और आपसी सम्मान को मजबूत करता है।
फिलहाल, अवकाश की घोषणा के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुरुद्वारों में साफ-सफाई और आयोजन की व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जबकि प्रशासन सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर भी सतर्क नजर आ रहा है।