धराली-हर्षिल प्राकृतिक आपदा पर वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. एमपीएस बिष्ट ने जताई चिंता, मलबा आने वाले क्षेत्र की पूरी जानकारी नहीं मिली
हाल ही में धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के बाद कई तरह की खबरें सामने आई हैं। इस बीच हिमालय क्षेत्र और पहाड़ों की विशेष जानकारी रखने वाले वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने इस घटना को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
मलबा आने वाले क्षेत्र की अनिश्चितता
प्रो. बिष्ट का कहना है कि धराली में जिस स्थान से मलबा और सैलाब आया है, वहां की पूरी तस्वीर और आंकड़े अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। उन्होंने बताया कि मलबा आने वाले स्थल की भौगोलिक और भौतिक संरचना की पूरी जांच और अध्ययन होना बाकी है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पूर्वसूचना और प्रभाव कम किए जा सकें।
हिमालय क्षेत्र की संवेदनशीलता
उन्होंने हिमालय क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता को भी रेखांकित करते हुए कहा कि पहाड़ों में लगातार हो रहे पर्यावरणीय और जलवायु परिवर्तन इस तरह की आपदाओं का खतरा बढ़ा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में सतत् वैज्ञानिक अध्ययन और मॉनीटरिंग की जरूरत है।
आगे की उम्मीदें
प्रो. बिष्ट ने प्रशासन और वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि मलबा आने वाले स्थान की व्यापक जांच कर जल्द से जल्द पूरी जानकारी जुटाई जाए, ताकि भविष्य में इस क्षेत्र के लिए उचित आपदा प्रबंधन रणनीतियां बनाई जा सकें।