हिमाचल में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 435 सड़कें बंद, बिजली-पानी की आपूर्ति भी बाधित
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में लगातार बारिश के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मंगलवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 435 सड़कें भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण यातायात के लिए पूरी तरह से बंद रहीं। वहीं 534 बिजली ट्रांसफार्मर और 197 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
राज्य के मंडी जिले की स्थिति सबसे अधिक खराब है। यहां 262 सड़कें बंद हैं और 201 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। इसके अलावा शिमला, कुल्लू, किन्नौर और चंबा जिलों से भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। शिमला शहर में भी कई स्थानों पर बड़े-बड़े पेड़ गिरने की खबरें आई हैं, जिससे यातायात और जनसंपर्क में बाधा उत्पन्न हुई है।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बहाल
लगातार बारिश के कारण रविवार रात को बंद हुआ चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे भी लंबे इंतजार के बाद मंगलवार दोपहर 1:00 बजे के करीब यातायात के लिए खोल दिया गया। हाईवे मंडी से औट तक कई स्थानों पर भूस्खलन और मलबा आने के कारण बंद हो गया था, जिससे मनाली और कुल्लू की ओर जाने वाले सैकड़ों वाहन फंस गए थे। प्रशासन और एनएचएआई की टीमें लगातार सड़क को बहाल करने के लिए प्रयासरत रहीं और दो दिन की कड़ी मेहनत के बाद इसे दोबारा चालू किया गया।
बिजली और पानी की सेवाएं प्रभावित
भारी बारिश से प्रदेश में विद्युत आपूर्ति और जल जीवन मिशन की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। कुल 534 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली संकट गहराया है। साथ ही 197 जल आपूर्ति योजनाएं ठप होने से लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन सतर्क, लोगों से एहतियात बरतने की अपील
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें सतर्कता से काम कर रही हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, पहाड़ी क्षेत्रों में न जाएं और मौसम विभाग के अलर्ट का पालन करें। स्कूलों में भी स्थानीय स्तर पर छुट्टियां घोषित की गई हैं।