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Nainital पिंजड़े में कैद हुआ तेंदुआ नरभक्षी है या बेगुनाह, बताएगा डीएनए टेस्ट

 

हरिद्वार न्यूज़ डेस्क  !!! पिंजरे में बंद तेंदुए को नरभक्षी या निर्दोष घोषित करने के लिए वन विभाग को अभी और इंतजार करना होगा। रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से उनके मल का नमूना डीएनए परीक्षण के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून भेजा गया है। मल में हड्डी का एक टुकड़ा मिला। टूटे दांत के कारण इस तेंदुए के हमलावर होने की पूरी संभावना है, लेकिन गुलदार का भविष्य तय करने के लिए WWI की रिपोर्ट का इंतजार है। नरभक्षी साबित होने पर तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर से चिड़ियाघर भेजा जाएगा। अगर यह एक और गुलदार बन जाता है, तो इसे दूसरे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

चोपड़ा के ज्योलिकोट के मटियाली इलाके में रहने वाले नेपाली मूल के मजदूर भानु राणा का दो वर्षीय पुत्र राघव शुक्रवार की शाम आंगन में खेलते समय अचानक गायब हो गया। तेंदुए के हमले के डर से मनोरा रेंजर बीएस मेहता ने टीम के साथ तलाश शुरू कर दी थी। शनिवार की सुबह घर से एक किमी दूर जंगल में मासूम का हाथ व सिर बरामद हुआ।

शाम को एक तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। जिसे हमलावर टीम रानीबाग के रेस्क्यू सेंटर ले आई। वन विभाग के अनुसार, मल में अस्थि चूर्ण निकलने और उसी क्षेत्र में इधर-उधर भटकने से तेंदुए के नरभक्षी बनने की पूरी संभावना है। दूसरी बात इस तेंदुए के पकड़ने के बाद मौके के आसपास कोई और गुलदार नहीं था। अब संभावना की पुष्टि के लिए WWI की रिपोर्ट का इंतजार है।

डीएफओ नैनीताल टीआर बिजूलाल का कहना है कि तेंदुए को फिलहाल रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। डॉक्टर और कर्मचारी उसके व्यवहार पर नजर रखे हुए हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट मिलने के बाद यह स्पष्ट होगा कि क्या इस गुलदार ने बच्चे को निवाला बनाया था।

एसडीओ अल्मोड़ा गणेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अगर किसी तेंदुए या बाघ को नरभक्षी घोषित किया जाता है तो शिकारी उसे गोली मारकर मार देता है। डीएनए सैंपलिंग की जाती है। शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों की भी जांच की जाती है। यह वन विभाग की प्रक्रिया है। त्रिपाठी के मुताबिक, अगर तेंदुआ हमले के बाद पूरा मांस नहीं खा पाता है, तो वह फिर से उसी इलाके में आ जाता है। फिर पास के इलाके में नया शिकार करता है, लेकिन मटियाल इलाके में तेंदुआ दोबारा नजर नहीं आया।

नैनीताल न्यूज़ डेस्क !!!