हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 385 सड़कें ठप, बिजली और जल आपूर्ति भी प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसका सबसे अधिक असर सड़क, बिजली और जल आपूर्ति सेवाओं पर पड़ा है। बुधवार सुबह 10 बजे तक राज्य में दो नेशनल हाईवे समेत कुल 385 सड़कें यातायात के लिए बाधित रहीं।
बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा गिरने और सड़कों के धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। कई क्षेत्रों में लोगों का संपर्क अन्य इलाकों से पूरी तरह कट गया है। मंडी जिला सबसे ज्यादा आपदा प्रभावित इलाकों में शामिल है। यहां 251 सड़कें, 128 बिजली ट्रांसफार्मर और 62 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इससे स्थानीय लोगों को न केवल आवागमन में परेशानी हो रही है, बल्कि बिजली और पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है।
कुल्लू जिले में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां 78 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिससे ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन ठप हो गया है। राहत और पुनर्स्थापन कार्य में प्रशासन जुटा हुआ है, लेकिन लगातार बारिश के चलते रेस्क्यू और मरम्मत कार्यों में बाधा आ रही है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और संबंधित विभागों ने स्थिति पर निगरानी बनाए रखी है। लोक निर्माण विभाग (PWD), जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड की टीमें सड़कों की बहाली, ट्रांसफार्मर की मरम्मत और जल योजनाओं को फिर से शुरू करने में जुटी हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें। स्कूलों में भी स्थानीय प्रशासन के निर्देशों के अनुसार अवकाश घोषित किया जा सकता है।
हिमाचल में मानसून का यह दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को सतर्क रहने और आपदा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।